Jharkhand: पहाड़-पर्वतों पर चढ़ाई करने की जुनूनियत रखने वाले देश दुनिया में कई लोग है। जो ऊंचे ऊंचे पहाड़ों पर चढ़ाई करते है। जहां थोड़ी सी ऊंचाई पर पहुंचते ही बहुत सारे लोगों को डर और सांस फूलने जैसी समस्याएं होने लगती है। वही ऊंचाई पर पहुंच कर बहुत सारे लोगों को सुकून मिलता है। पहाड़ों के प्रति अपनी जुनूनियत और ऊंचाइयों को छूने की कामना रखने वाली झारखंड के धनबाद में कतरास की रहने वाली रूपा कुमारी ने अभी तक देश की कई ऊंची चोटियों पर चढ़ाई कर वहां तिरंगा फहराया है । माइनस 22 डिग्री तापमान पर जब शरीर जम जाता है, वैसे मौसम में रूपा ने अरुणाचल प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी गोरीचेन पर चढ़ाई की।
बचपन से ही पहाड़ों का था शोख…
24 वर्षीय रूपा को बचपन से ही टीवी पर नेशनल ज्योग्राफिक चैनल देखकर पहाड़ों पर घूमने का शौक परवान चढ़ने लगा। रूपा को पहाड़ों से कभी भी डर नहीं लगता। वह विश्व के सबसे ऊंचे पहाड़ पर चढ़ाई करना चाहती है। रूपा ने आभी तक देश की कई पर्वत शृंखलाओं की चढ़ाई कर एक नया रिकार्ड बनाते हुए 22 हजार फीट ऊंची गोरीचेन पीक पर पहुंचीं है।
कठिन चढ़ाईयों को भी हंसकर चढ़ जाती है रूप…
आर्मी नेवी के जवानों के साथ 97 लोगों के लिए अरुणाचल प्रदेश के गोरीचेन पीक पर ग्लेशियर ट्रेनिंग का आयोजन किया गया था। रूपा भी इस दल का हिस्सा बनते हुए इस कठिन चढ़ाई में सफल रही। गोरीचेन पीक चोटी पर चढ़ना के समय रूप को बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा फिर भी रूप ने हार नहीं मानी दीर्घनिश्चय और आत्मविश्वास के साथ पर्वत श्रृंखला पर चढ़ाई की। रूपा ने बताया कि चढ़ाई के दौरान जगह-जगह पर ऑक्सीजन की कई बार कमी हो गई इसी बीच ट्रेनिंग के एक सदस्य की ठंड की वजह से हालत इतनी खराब हो गई कि उन्हें ट्रेकिंग के बीच में ही वापस भेजना पड़ा। रूपा ने कहा कि उसका मकसद देश की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराना है। इस अभियान में काफी खर्च होता है। अगर झारखड सरकार मदद करे तो वह राज्य का नाम देशभर में रोशन कर सकती हैं।
माउंट एवरेस्ट पर भी चलेगी एक दिन..
हिमाचल प्रदेश के यूनम पीक जिसकी ऊंचाई छह हजार मीटर है वहां पिछले साल 15 अगस्त को चढ़कर तिरंगा लहरा चुकी है। रूपा ने कहा कि जब उन्होंने 2017 में ट्रैकिंग शुरू किया था। तब उनके घर वाले नहीं माने थे। लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने सभी को राजी कर लिया। सबको लगता है कि लड़कियां इतनी ऊंचाई पर कैसे चढ़ेंगी लेकिन ऐसा नहीं है। मुझे विश्वास है कि एक दिन मैं विश्व की सबसे ऊंची चोटी पर चढूंगी। अभी तक के अपने सफर के बारे में बताते हुए वह कहती है कि अभी तक चार चोटियों पर सफलतापूर्वक चढ़ाई पूरी कर चुकी है। इसकी शुरुआत उसने 3636 मीटर ऊंची सांग कू फू चोटी पर फतह कर की थी।