झारखंड में 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति लागू करने की मांग को लेकर आंदोलन जारी है। इसी क्रम में रविवार को रन आफ खतियान का आयोजन किया गया। बोकारो के नया मोड़ से धनबाद के रणधीर वर्मा चौक तक लगभग 45 किलोमीटर तक झारखंडी अपनी मांगों के समर्थन में दौड़े। सुबह-6 बजे बोकारो के नया मोड़ से दौड़ शुरू हुई। इसमें लगभग 500 से अधिक युवाओं ने हिस्सा लिया। सौ से अधिक लोग पेट्रोलिंग व्यवस्था पर रहे। इस दौरान जगह-जगह दौड़ में शामिल युवाओं के स्वागत व सेवा को लेकर स्थानीय लोगों ने शिविर लगाया। इसमें पानी, गुड़, इलेक्ट्रोल फाउडर आदि का वितरण किया गया। साथ ही दौड़ में शामिल लोगों की देखरेख को लेकर समिति की ओर से एंबुलेंस व्यवस्था भी थी। दौड़ नया मोड़, गरगा पुल होते हुए धर्मशाला, आईटीआई मोड़, जोधाडीह मोड़ होते हुए धनबाद पहुंची।
इस दौड़ में शामिल युवाओं की सफेद टी-शर्ट पर एक ओर रन फाॅर खतियान वहीं दूसरी ओर 1932 का खतियान लागू करो का संदेश लिखा हुआ था। बोकारो के बिरसा चौक से पूर्व मंत्री गीता श्री उरांव और पूर्व विधायक अमित महतो ने हरी झंडी दिखाकर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की। इस कार्यक्रम में शामिल युवक व युवतियां में भरपूर जोश में नजर आए। धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पहुंचने पर कार्यकर्ताओं की भीड़ ने तालियां बजाकर जत्थे में शामिल युवाओं का स्वागत किया गया। साथ ही रणधीर वर्मा चौक पर लगे DJ के धुन पर सभी झुमते भी नजर आए। पूर्व विधायक महतो व पूर्व मंत्री श्रीमती उरांव भी पैदल ही पहुंचे। इधर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम को लेकर धनबाद पुलिस प्रशासन पहले से अलर्ट मोड़ में दिखा। रणधीर वर्मा चौक पर ASP की अगुवाई में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती किया गया था।
मौके पर पूर्व विधायक अमित महतो ने कहा कि 21 वर्ष बाद भी यहां के लोगों को पहचान नहीं मिली है। यह पहले ही मिल जानी चाहिए थी। राज्य में जल्द से जल्द खतियानी आधार पर स्थानीय नीति बने और यहां के लोगों को हक-अधिकार मिल सके। माटी के पूर्व कहे जाने वाले हेमंत सरकार झारखंडियों के विरोध काम कर रही है। झारखंडियों के हक-अधिकार के लिए नीति बनाने की जरूरत है। इसलिए झारखंडी सड़क पर उतर कर आंदोलन कर रहे है। ताकि सरकार झारखंडी के पक्ष में नीति बने।