कर्नाटक में मुसलमानों के आरक्षण पर बवाल, झारखंड में भी सियासी घमासान

रांची: कर्नाटक में सरकारी ठेकों में मुसलमानों को चार प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले से सियासत गरमा गई है। जहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इसका विरोध कर रही है, वहीं कांग्रेस और अन्य गैर-बीजेपी दल इसका समर्थन कर रहे हैं। यह मुद्दा अब झारखंड तक पहुंच गया है और यहां की राजनीति में भी हलचल मचा दी है।

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बाबूलाल मरांडी ने जताई आपत्ति

झारखंड में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि संविधान में कहीं भी धर्म के आधार पर आरक्षण देने का प्रावधान नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस संविधान में तोड़-मरोड़ करने की आदत डाल चुकी है।

बाबूलाल मरांडी ने आगे कहा कि कर्नाटक सरकार का यह निर्णय संविधान के खिलाफ है और इस तरह के फैसलों से समाज में असमानता बढ़ेगी। उन्होंने राज्य सरकार पर धार्मिक आधार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया और इस फैसले की निंदा की।

स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी का समर्थन

वहीं, कांग्रेस नेता और झारखंड सरकार में स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर इरफान अंसारी ने कर्नाटक सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में मुसलमानों के साथ भेदभाव किया जाता है और उनके अधिकार छीने जाते हैं।

इरफान अंसारी ने यह भी कहा कि यदि झारखंड सरकार मुसलमानों को इस तरह का आरक्षण देने का निर्णय लेती है, तो वे इसका पूरा समर्थन करेंगे। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह मुसलमानों के साथ सौतेला व्यवहार करती है और उन्हें हाशिये पर धकेलने का काम करती है।

राजनीतिक तकरार तेज

कर्नाटक से उठी यह बहस झारखंड में भी तेज हो गई है। एक तरफ बीजेपी इसे असंवैधानिक बताकर विरोध कर रही है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस इसे सामाजिक न्याय की दिशा में उठाया गया कदम बता रही है। इस मुद्दे पर आने वाले दिनों में झारखंड की राजनीति में और उबाल आ सकता है।

 

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