रांची: वर्षों से बंद पड़ा रांची नगर निगम (RMC) का अस्पताल अब एक बार फिर लोगों की सेवा के लिए पूरी तरह तैयार है। नगर निगम ने इस अस्पताल के संचालन की जिम्मेदारी टेंडर प्रक्रिया के तहत राजेंद्र नर्सिंग होम को सौंप दी है। इस फैसले से न केवल वर्षों से अनुपयोगी पड़े अस्पताल भवन का पुनरुद्धार हुआ है, बल्कि नगर निगम को हर महीने ₹1.09 लाख का राजस्व भी मिलेगा।
पुरानी इमारत में लौटी नई जान
यह अस्पताल लंबे समय से जर्जर अवस्था में पड़ा था। संसाधनों की कमी, स्टाफ की अनुपलब्धता और प्रशासनिक लापरवाही के चलते अस्पताल पूरी तरह निष्क्रिय हो गया था। नगर निगम ने जब महसूस किया कि बहुमूल्य सरकारी संपत्ति बेकार जा रही है, तो इसे निजी हाथों में सौंपने का निर्णय लिया गया।
पहले दो प्रयासों में टेंडर के बावजूद कोई इच्छुक संस्था सामने नहीं आई, लेकिन तीसरे प्रयास में राजेंद्र नर्सिंग होम ने अस्पताल के संचालन में रुचि दिखाई और अब संचालन अधिकार उसे सौंप दिए गए हैं। इससे पहले देवकमल हॉस्पिटल और प्रॉमिस हेल्थकेयर को भी यह जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन व्यवस्थागत समस्याओं के कारण यह प्रयास सफल नहीं हो सके। कोरोना काल के दौरान जरूर इस भवन का अस्थायी उपयोग हुआ, जब जिला प्रशासन और प्रॉमिस हेल्थकेयर ने मिलकर मरीजों का इलाज किया।
निगम कर्मियों को विशेष लाभ, आम जनता को भरोसेमंद सेवा
राजेंद्र नर्सिंग होम से हुए समझौते के तहत नगर निगम के कर्मचारियों और उनके परिजनों को आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज की सुविधा दी जाएगी। 50 बेड वाले इस अस्पताल में निगम कर्मियों को प्राथमिकता देने का वादा किया गया है। इससे कर्मचारियों को किफायती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी, जिससे उनके स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल संभव हो सकेगी।
जनता को मिलेगी उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सेवा
नगर निगम ने अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिया है कि आम जनता को भी बेहतर और भरोसेमंद इलाज की सुविधा मिले। इससे स्थानीय नागरिकों को अपने ही क्षेत्र में प्राथमिक और माध्यमिक स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।
अक्टूबर में हो गया था हैंडओवर
अस्पताल भवन को अक्टूबर माह में ही राजेंद्र नर्सिंग होम को सौंप दिया गया था। जरूरी मरम्मत और तैयारियों के बाद अब इसे आम मरीजों के लिए खोल दिया गया है।
आनंद शेखर झा, असिस्टेंट पब्लिक हेल्थ ऑफिसर, रांची नगर निगम ने बताया,
“यह निर्णय नगर निगम के लिए एक दोहरी उपलब्धि है — एक ओर राजस्व की प्राप्ति और दूसरी ओर जनता को भरोसेमंद इलाज की सुविधा।”
अब देखना यह है कि निजी प्रबंधन के तहत यह अस्पताल कितनी मजबूती से जनता की उम्मीदों पर खरा उतरता है। हालांकि शुरुआत उत्साहजनक रही है, और रांचीवासियों को अपने ही नगर में एक बार फिर से भरोसेमंद इलाज का विकल्प मिल गया है।