पिछले महीने से सब्जियों के दामों में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है. टमाटर, प्याज, आलू जैसी आमतौर पर सस्ती मानी जाने वाली सब्जियाँ भी अब आम आदमी की थाली से बाहर होती जा रही हैं. हालात ऐसे हो गए हैं कि टमाटर और प्याज के दामों ने लोगों के घर का बजट बिगाड़ दिया है.
महंगाई का कारण
इस बार की महंगाई का मुख्य कारण मानसून की देरी और विपरीत मौसम की स्थिति मानी जा रही है. इसके अलावा, सब्जियों की खेती में आई कमी भी एक प्रमुख वजह है. नतीजतन, सब्जियों के उत्पादन में गिरावट आई है, जिससे बाजार में सप्लाई कम हो गई है. यही वजह है कि सब्जियों के दाम बेकाबू हो गए हैं.
वर्तमान दाम
आइए, एक नजर डालते हैं वर्तमान में सब्जियों के दाम पर:
- टमाटर: ₹80-100 प्रति किलो
- प्याज: ₹40-50 प्रति किलो
- आलू: ₹40 प्रति किलो
- अदरक: ₹200 प्रति किलो
- लहसुन: ₹150 प्रति किलो
- मटर: ₹240 प्रति किलो
लोगों की प्रतिक्रिया
आम जनता इस महंगाई से बुरी तरह प्रभावित है. रोजमर्रा की जिंदगी में सब्जियों की बढ़ती कीमतें एक बड़ी समस्या बन गई हैं. लोग इस मुद्दे पर नाराजगी जता रहे हैं और सरकार से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं. जाने-माने अर्थशास्त्री डॉ. राजेश कुमार ने बताया, “हर साल सावन के महीने में सब्जियों की कीमतों में वृद्धि देखी जाती है. लेकिन इस बार की बढ़ोतरी पिछले सालों से कहीं ज्यादा है. इसके पीछे मौसम की मार और सप्लाई चेन की दिक्कतें हैं.“
सरकार की भूमिका
सरकार ने इस मामले पर ध्यान देते हुए कुछ उपायों की घोषणा की है. सरकार का कहना है कि जल्द ही सब्जियों के दामों में स्थिरता लाई जाएगी. सरकार की ओर से सब्जियों की सप्लाई बढ़ाने के लिए आयात पर विचार किया जा रहा है. इससे आम आदमी को राहत मिलने की उम्मीद है.
भविष्य की स्थिति
विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ हफ्तों में सब्जियों के दामों में स्थिरता आ सकती है. मानसून के सामान्य होने और सब्जियों की नई फसल के आने से कीमतों में गिरावट आ सकती है. हालांकि, इसके लिए सरकार और किसानों को मिलकर काम करना होगा ताकि सप्लाई चेन में सुधार हो सके और आम जनता को राहत मिल सके.