रांची में बनेगा 1000 करोड़ का रिम्स-2 अस्पताल, स्वास्थ्य सेवाओं में होंगे बड़े सुधार….

झारखंड की स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने घोषणा की है कि रांची में 1000 करोड़ रुपये की लागत से एक नया मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, जिसे रिम्स-2 के नाम से जाना जाएगा, बनाया जाएगा. शुक्रवार को नामकुम स्थित आरसीएच सभागार में आयोजित एक समीक्षा बैठक में उन्होंने इस संबंध में विभाग को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए. मंत्री ने कहा कि वह इस योजना को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष प्रस्तुत करेंगे और इसे जल्द से जल्द अमल में लाने का प्रयास करेंगे.

स्वास्थ्य मंत्री की 7 बड़ी घोषणाएं

स्वास्थ्य मंत्री ने इस बैठक के दौरान केवल रिम्स-2 की घोषणा ही नहीं की, बल्कि स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए कई बड़े कदम उठाने की बात कही. उन्होंने राज्यभर में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए निम्नलिखित घोषणाएं की.

  • 1000 नए पीएचसी और 500 स्वास्थ्य उपकेंद्रों का निर्माण: सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए राज्यभर में नए प्राइमरी हेल्थ सेंटर (पीएचसी) और स्वास्थ्य उपकेंद्र बनाए जाएंगे.
  • पुराने मशीनरी और उपकरणों को बदला जाएगा: सभी सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में 10 साल से पुराने उपकरणों को बदलने के निर्देश दिए गए हैं.
  • 225 अस्पताल प्रबंधकों की नियुक्ति: बेहतर प्रबंधन के लिए 225 हॉस्पिटल मैनेजर्स की नियुक्ति होगी. जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में इनकी तैनाती प्राथमिकता के आधार पर होगी.
  • नई आउटसोर्सिंग एजेंसियों का चयन: मंत्री ने कहा कि पुरानी आउटसोर्सिंग एजेंसियों को हटाकर 10 दिनों के भीतर नई एजेंसियों का चयन किया जाएगा.
  • मोहल्ला क्लिनिक के बजाय आधुनिक अस्पताल: राज्य में मोहल्ला क्लिनिक की योजना को बंद कर, अब आधुनिक अस्पतालों की स्थापना की जाएगी.
  • डॉक्टरों की दो शिफ्ट में उपस्थिति: सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों को अब सुबह और शाम दोनों समय ओपीडी में बैठने का निर्देश दिया गया है.
  • निजी अस्पतालों की जांच: रांची के पांच प्रमुख निजी अस्पतालों का निरीक्षण कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वे सरकारी मानकों का पालन कर रहे हैं या नहीं.

मंत्री की सख्त चेतावनी

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए मंत्री ने अधिकारियों और डॉक्टरों को सख्त चेतावनी दी. उन्होंने सिविल सर्जनों और अधीक्षकों को निर्देश दिया कि जो अधिकारी काम करने में रुचि नहीं रखते, वे खुद ही अपने पद से इस्तीफा दे दें. मंत्री ने यह भी कहा कि यदि कार्रवाई करनी पड़ी, तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा.

रिम्स और मेडिकल कॉलेजों में एमआरआई-सीटी स्कैन की सुविधा अनिवार्य

मंत्री ने राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों और सदर अस्पतालों में एमआरआई और सीटी स्कैन की सुविधाओं को जल्द से जल्द बहाल करने का निर्देश दिया. इन सुविधाओं के अभाव में मरीजों को निजी अस्पतालों पर निर्भर होना पड़ता है, जिससे आर्थिक बोझ बढ़ता है.

डॉक्टरों की शिफ्ट टाइमिंग में बदलाव

मौसमी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए डॉक्टरों की ओपीडी शिफ्ट में बदलाव किया गया है. ठंड के मौसम में डॉक्टर सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक और शाम 5 से 6 बजे तक ओपीडी में उपलब्ध रहेंगे. वहीं, गर्मियों में शाम की शिफ्ट 4 बजे से शुरू होगी। यह कदम मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है.

निजी अस्पतालों पर नजर

स्वास्थ्य मंत्री ने रांची के पांच प्रमुख निजी अस्पतालों की जांच का निर्देश दिया है. संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि ये अस्पताल सभी आवश्यक मानकों का पालन करें और सरकारी निर्देशों के अनुरूप काम करें. इसके अलावा, निजी मेडिकल दुकानों में बिकने वाली दवाओं पर भी निगरानी के लिए एक पोर्टल के माध्यम से कार्रवाई की जाएगी.

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