जिले में सरकारी योजनाओं में फर्जीवाड़े के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ताजा मामला मंईयां सम्मान योजना और अबुआ आवास योजना से जुड़ा है। इन मामलों में जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ दंडात्मक कदम उठाए हैं।
मंईयां सम्मान योजना में फर्जीवाड़ा
गढ़वा के कुपा पंचायत में मंईयां सम्मान योजना के तहत 21 लाभुकों के खाते में राशि भेजने की बजाय ग्राहक सेवा केंद्र (सीएससी) के तीन संचालकों ने अपने रिश्तेदारों के खातों का उपयोग किया। जांच में पाया गया कि नवनीत कुमार पटेल, सत्यनारायण गुप्ता और अजित प्रजापति ने लाभुकों के बैंक खाता नंबर और आईएफएससी कोड की जगह पोर्टल पर अपने रिश्तेदारों का खाता नंबर डाल दिया था।
इस गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर खरौंधी के सीओ द्वारा जांच की गई, जिसमें आरोप सही पाए गए। इसके बाद गड़बड़ी करने वाले सीएससी संचालकों से राशि वसूली गई और असली लाभुकों के खाते में पैसे ट्रांसफर किए गए। जिला प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए तीनों सीएससी संचालकों के आईडी रद्द कर दिए।
अबुआ आवास योजना में अनियमितता
खरौंधी पंचायत में अबुआ आवास योजना के तहत नौ अयोग्य लाभुकों को आवास स्वीकृत करने का मामला सामने आया। जांच में पता चला कि सात अयोग्य लाभुकों के खातों में पहली किस्त की राशि भी भेज दी गई थी। शिकायत की पुष्टि होने पर इनसे राशि वापस ले ली गई।
इस मामले में पंचायत सचिव शशि कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया, जबकि पंचायत की मुखिया मंजू देवी को भी निलंबित करने की अनुशंसा की गई है। साथ ही, प्रखंड समन्वयक रविरंजन और बीडीओ रविंद्र कुमार को अपने कार्यों में लापरवाही बरतने के लिए शोकॉज नोटिस जारी किया गया।
जिला प्रशासन ने दिया सख्त संदेश
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गढ़वा के उपायुक्त ने सभी संबंधित अधिकारियों को चेतावनी दी है कि यदि दोबारा ऐसी लापरवाही होती है तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रशासन ने योजनाओं की मॉनिटरिंग को और मजबूत करने के निर्देश दिए हैं, ताकि सही लाभुकों को योजनाओं का लाभ मिल सके।