झारखंड सरकार ने शराब के खुदरा व्यापार से पीछे हटने का फैसला लिया है। आगामी 1 अप्रैल 2025 से राज्य में शराब की खुदरा बिक्री पूरी तरह से निजी हाथों में होगी। राज्य सरकार की स्वामित्व वाली कंपनी झारखंड बिवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) अब केवल शराब का थोक कारोबार संभालेगी। सरकार ने झारखंड उत्पाद नीति 2025 (Jharkhand Excise Policy 2025) को अधिसूचित करने के लिए आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित किए हैं।
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लॉटरी सिस्टम से होगा दुकान आवंटन
अब शराब की खुदरा बिक्री निजी व्यापारियों के माध्यम से की जाएगी। सरकार ने तय किया है कि शराब की दुकानों का आवंटन लॉटरी प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा। इच्छुक व्यापारियों से आवेदन मांगे जाएंगे और 20 फरवरी तक लॉटरी प्रक्रिया का नोटिफिकेशन जारी हो सकता है।
मॉडल शॉप में शराब सेवन की अनुमति
नई नीति के तहत ‘मॉडल शॉप’ का भी प्रावधान किया गया है। इसके तहत नगर निगम और नगर परिषद क्षेत्र में स्थित, न्यूनतम 600 वर्गफीट की वातानुकूलित दुकानों को ही लाइसेंस मिलेगा। इन दुकानों में शराब पीने की सुविधा भी उपलब्ध होगी। साथ ही, शराब पीने वालों के लिए अल्पाहार की व्यवस्था हेतु किचन की सुविधा अनिवार्य होगी। यह सुविधा केवल विदेशी शराब की ऑफ-सेलिंग दुकानों को ही दी जाएगी।
शॉपिंग मॉल में भी बिकेगी विदेशी शराब
अब शॉपिंग मॉल और डिपार्टमेंटल स्टोर में भी विदेशी शराब की बिक्री की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए न्यूनतम 2000 वर्गफीट क्षेत्रफल वाली दुकानों में 10 प्रतिशत हिस्से में शराब स्टॉक रखने की अनुमति होगी। हालांकि, इन दुकानों में 21 वर्ष से कम उम्र के व्यक्तियों का प्रवेश वर्जित रहेगा। 50,000 वर्गफीट या उससे अधिक क्षेत्रफल वाले मॉल में संचालित होने वाली विदेशी शराब की दुकान का न्यूनतम क्षेत्रफल 200 वर्गफीट होगा और एक मॉल में अधिकतम दो शराब की दुकानें खुल सकेंगी।
नई उत्पाद नीति के लिए मांगे गए सुझाव
झारखंड सरकार ने नई उत्पाद नीति को लागू करने की तैयारी कर ली है। इसके लिए चार अलग-अलग नियमावलियों का गठन किया गया है। सरकार ने आम जनता और हितधारकों से 16 फरवरी तक आपत्तियां और सुझाव मांगे हैं। इसके बाद नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।
राज्य में शराब की बिक्री व्यवस्था में यह बड़ा बदलाव माना जा रहा है। सरकार का मानना है कि इससे शराब बिक्री में पारदर्शिता आएगी और राजस्व में भी वृद्धि होगी।