रिम्स में हुई थी रेमडेसिविर की चोरी, SIT का खुलासा..

राजेंद्र इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल (रिम्स) में रेमडेसिविर दवा की चोरी हो रही थी। यहां से 6 वायल की चोरी हुई थी। इसका खुलासा रेमडेसिविर की कालाबाजारी की जांच कर रही SIT ने गुरुवार को किया है। दरअसल झारखंड हाईकोर्ट में रेमडेसिविर कालाबाजारी मामले की गुरुवार को सुनवाई हुई। इस दौरान SIT का नेतृत्व कर रहे ADG अनिल पालटा की ओर से झारखंड हाईकोर्ट को बताया गया कि RIMS से रेमडेसिविर की 6 वायल की चोरी की गई है। यह रेमडेसिविर भी कालाबाजारी करने के मुख्य आरोपी राजीव सिंह को उपलब्ध करायी गई थी। इस मामले पर RIMS से भी रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद जांच आगे बढ़ाई जाएगी।

मामले में गिरफ्तार राजीव सिंह के मोबाइल के वॉइस रिकॉर्ड की जांच के दौरान पता चला कि रिम्स की एक संविदा कर्मी ने भी रेमडेसिविर की चोरी की थी। इसमें किसी संतोष कुमार नामक व्यक्ति से लगातार और कई बार बात होने की जानकारी मिली है। इसकी जांच की गई तो पता चला कि संतोष कुमार रिम्स में एक महिला अनुबंधकर्मी का करीबी है। उस महिलाकर्मी ने ही रिम्स से छह वायल की चोरी कर संतोष के माध्यम से राजीव को उपलब्ध कराया था। दोनों ने रेमडेसिविर की चोरी करने की बात स्वीकार भी की है। इसके बाद उनकी ओर से रिम्स से जांच कर पूरे मामले की डिटेल रिपोर्ट मांगी गई है।

वहीं इसके बाद अदालत ने रिम्स को कहा कि वे जल्द से जल्द जांच एजेंसी को संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराएं। हालांकि इस मामले में अदालत ने कोई आदेश पारित नहीं किया है। बता दें की कोरोना की दूसरी लहर में रेमडेसिविर की कालाबाजारी की खबर मीडिया में आने के बाद हाईकोर्ट ने स्वत:संज्ञान लेते हुए सरकार से जवाब तलब किया था। इसके बाद कोर्ट ने सरकार को SIT बनाकर मामले की जांच करने को कहा था। कालाबाजारी में एक IPS का नाम आने के बाद हाईकोर्ट ने सरकार को निष्पक्ष होकर जांच करने को कहा था और हिदायत दी थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

×