देवघर/रांची – झारखंड में गरीबों को खाद्य सुरक्षा देने वाली राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “राज्य खाद्य सुरक्षा योजना” अब खुद संकट में घिरती नजर आ रही है। राज्यभर में नए राशन कार्ड बनना बंद हो गया है और लगभग 89,000 से अधिक आवेदन बीएसओ और डीएसओ स्तर पर लंबित पड़े हैं। इससे उन लाखों जरूरतमंदों की उम्मीदें टूटती नजर आ रही हैं जो राशन कार्ड के सहारे सरकारी अनाज और अन्य लाभकारी योजनाओं का लाभ पाना चाहते हैं।
वैकेंसी फुल, नई एंट्री पर रोक
देवघर जिला की बात करें तो यहां 15,000 नए राशन कार्ड जारी कर लगभग 50,000 लाभार्थियों को राहत दी गई थी, लेकिन अब वैकेंसी फुल होने के कारण नई एंट्री बंद हो चुकी है। इसका असर केवल देवघर ही नहीं, बल्कि पूरे झारखंड पर है। राज्यभर में बीएसओ (Block Supply Officer) की लॉगिन में 44,315 और डीएसओ (District Supply Officer) की लॉगिन में 44,668 आवेदन लंबित हैं।
लाखों लोगों को जोड़ने का था लक्ष्य
झारखंड सरकार ने 2023 में “ग्रीन कार्ड योजना” के तहत 20 लाख लोगों को खाद्य सुरक्षा के दायरे में लाने का संकल्प लिया था। शुरुआती चरण में लाखों लाभार्थियों को लाभ भी मिला, लेकिन तेजी से बढ़ती मांग और लंबित आवेदनों की संख्या ने सरकारी तंत्र की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसके बाद खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने 5 लाख और लोगों को योजना से जोड़ने की घोषणा की थी।
जिलावार स्थिति बेहद गंभीर
पेंडिंग आवेदन की स्थिति का आंकड़ा चौंकाने वाला है:
- धनबाद: BSO – 7167 | DSO – 5919
- गिरिडीह: BSO – 5281 | DSO – 8279
- रांची: BSO – 2483 | DSO – 3504
- कोडरमा: BSO – 2305 | DSO – 3296
- बोकारो: BSO – 2186 | DSO – 3820
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि शहरी और अर्ध-शहरी जिलों में जरूरतमंदों की संख्या अधिक है और वहीँ समस्या भी विकराल रूप ले रही है।
लोगों की परेशानी बढ़ी, बार-बार ऑफिस के चक्कर
राशन कार्ड के लिए आवेदन करने वाले नागरिकों को अब बार-बार जिला आपूर्ति कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। ना तो स्पष्ट जानकारी मिल रही है और ना ही आवेदन के प्रोसेसिंग की कोई समयसीमा तय है। ज़मीनी स्तर पर कर्मचारी भी असमंजस की स्थिति में हैं क्योंकि वैकेंसी ना होने के कारण कोई नया कार्ड अप्रूव नहीं किया जा रहा है।
क्या कह रहे हैं मंत्री?
राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने बताया:
“हमने जो कहा था, वह किया। वैकेंसी दी गई और लोगों को लाभ मिला। अब जितने भी आवेदन पेंडिंग हैं, उनकी समीक्षा की जायेगी। देखने की जरूरत है कि लाभुक सही हैं या नहीं। कई संपन्न लोग भी गरीबों का हक मारकर राशन कार्ड ले रहे हैं। ऐसे लोगों को चिह्नित किया जायेगा और जरूरतमंदों को वरीयता दी जाएगी।”
जरूरतमंदों की मांग – जल्द बढ़े वैकेंसी
ग्रामीण और शहरी इलाकों में रहने वाले गरीब परिवारों की मांग है कि सरकार जल्द से जल्द नई वैकेंसी जारी करे ताकि सभी लंबित आवेदन प्रोसेस हो सकें और उन्हें राशन कार्ड प्राप्त हो सके। ये कार्ड केवल सस्ते अनाज का जरिया नहीं, बल्कि आयुष्मान भारत, छात्रवृत्ति और अन्य सरकारी योजनाओं से जुड़ने का माध्यम भी बन चुके हैं।
झारखंड सरकार की मंशा भले ही गरीबों को राहत देने की हो, लेकिन वैकेंसी और व्यवस्थागत कमियों के कारण जरूरतमंदों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अगर जल्द समाधान नहीं हुआ, तो यह मुद्दा सरकार के लिए जन असंतोष का कारण बन सकता है।
📌 सरकार से उम्मीद है कि वह जल्द कोई ठोस निर्णय लेकर राशन कार्ड की प्रक्रिया को पुनः शुरू करेगी और जरूरतमंदों तक योजनाओं का लाभ पहुँचाएगी।