रांची : स्वामी जगन्नाथ की दो साल बाद इस बार रथयात्रा तो निकलेगी, लेकिन मेला नहीं लगेगा। मेले का आयोजन और दुकान लगाने की अनुमति जिला प्रशासन ने नहीं दी है। सरकार की गाइडलाइन के तहत सीमित संख्या में रथयात्रा निकालने की अनुमति दी गई है। आज उपायुक्त छवि रंजन की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। रथयात्रा मेला इस साल एक जुलाई से शुरू होगा। घुरती मेला दस जुलाई को और स्वामी जगन्नाथ की स्नान यात्रा 14 जून को होगी। बैठक में उप विकास आयुक्त, एसडीओ, एडीएम, ग्रामीण एसपी और विभिन्न समितियों के लोग मौजूद थे।
बैठक में उपायुक्त ने समिति के सदस्यों को सरकार के निर्देशों से अवगत कराया। बताया गया कि आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार किसी प्रकार के मेले के आयोजन एवं दुकान लगाने की अनुमति नहीं है। निर्देश के अनुसार सीमित व्यक्तियों की संख्या में रथ यात्रा का आयोजन किया जा सकता है। बैठक में मंदिर समिति के सदस्यों ने प्रशासन से व्यवस्था बनाए रखने के लिए कई सहयोग मांगा, जिसे प्रशासन ने स्वीकार कर लिया। विधि-व्यवस्था और सुरक्षा के लिए उपायुक्त ने एडीएम को निर्देश दिए। रथयात्रा में 500 लोग ही शामिल हो सकेंगे।
अतिक्रमण हटाने का निर्देश..
जगन्नाथ रथयात्रा को लेकर मंदिर परिसर के आसपास अस्थायी निर्माण कर दुकान लगाने की सूचना भी प्रशासन को दी गई। उपायुक्त ने एसडीओ को आवश्यक कार्रवाई कर अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण के मद्देनजर मेला और दुकान लगाने की अनुमति नहीं है। उपायुक्त ने ससमय साफ-सफाई, ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव, डस्टबिन एवं शौचालय, पेयजल की व्यवस्था आदि को लेकर नगर निगम के संबंधित पदाधिकारियों के साथ बैठक करने का निर्देश समिति के सदस्यों को दिया। समिति के सदस्यों ने वोलेंटियर बनाने, रथयात्रा से पहले मांस और शराब बिक्री पर रोक, सड़क के दोनों ओर मोरम गिराने का मुद्दा उठाया, जिस पर जल्द निर्णय लेने का निर्देश दिया।
नया रथ हो रहा तैयार..
स्वामी जगन्नाथ का 20 साल बाद नया रथ तैयार किया जा रहा है। पुरी के कारीगरों की देखरेख में इसका निर्माण हो रहा है। इसके लिए विभिन्न संगठनों की ओर से सहयोग किया जा रहा है। नए रथ का निर्माण भी पुरी में बने रथ की तर्ज पर ही किया जा रहा है l जिसमें आठ पहिये और चार दरवाजे होंगेl रथ की लंबाई 26 फीट होगी और चौड़ाई 32 फीट होगी l रथ के निर्माण में सखुआ की लकड़ी के अलावे धातु के रूप में लोहे और पीतल का उपयोग किया जाएगा l इतना ही नहीं रथ के साथ लकड़ी के बने घोड़े और सारथी को भी जोड़ा जाएगा । पहियों के निर्माण का काम पूरा किया जा चुका है।
1 जुलाई को है रथयात्रा..
इस साल 14 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा है। इस दिन भगवान के विग्रहों को स्नान कराया जाएगा। इसके बाद भगवान अज्ञातवास में चले जाएंगे। 30 जून को नेत्रदान अनुष्ठान के साथ भगवान सर्वसुलभ होंगे। 9 दिनों तक चलने वाली इस रथ यात्रा में सभी धार्मिक रीति-रिवाजों और नियमों का पालन किया जाएगा l 1 जुलाई को जगन्नाथ महाप्रभु अपने भाई बलभद्र एवम बहन सुभद्रा जी के साथ 9 दिनों के लिए मौसी बाड़ी जाएंगेl 10 जुलाई को घूरती रथ का आयोजन किया जाएगाl