फोर्ब्स अंडर-30 लिस्ट में रांची की साक्षी जैन का नाम, सोशल मीडिया पर सिखा रहीं फाइनेंशियल लिटरेसी के गुन

रांची: झारखंड की राजधानी रांची की बेटी साक्षी जैन ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रदेश और देश का नाम रोशन किया है। प्रतिष्ठित फोर्ब्स मैगजीन की ‘एशिया अंडर-30’ सूची 2025 में साक्षी को सोशल मीडिया, मार्केटिंग और एडवर्टाइजिंग कैटेगरी में स्थान मिला है। साक्षी पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) हैं, लेकिन अपनी खास पहचान एक फाइनेंस इंफ्लुएंसर के रूप में बना चुकी हैं।

साक्षी के इंस्टाग्राम पर 1.7 मिलियन, यूट्यूब पर 6.90 लाख, और लिंक्डइन पर 1.5 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं। वह अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए आम लोगों को पैसे कमाने और निवेश करने की सरल तकनीकें समझाती हैं। उनका उद्देश्य है कि फाइनेंशियल लिटरेसी को भारत के कोने-कोने तक पहुंचाया जाए ताकि अधिक से अधिक लोग स्मार्ट इन्वेस्टमेंट के जरिए आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें।

शिक्षा और पारिवारिक पृष्ठभूमि

साक्षी का जन्म रांची के अपर बाजार में हुआ। उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई बिशप वेस्टकोट गर्ल्स स्कूल और डीपीएस रांची से पूरी की, इसके बाद सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची से बीकॉम किया। वह एक प्रतिभाशाली छात्रा रहीं और चार्टर्ड अकाउंटेंसी की पढ़ाई पूरी करने के बाद बेंगलुरु की एक बड़ी कंपनी में असिस्टेंट मैनेजर के तौर पर कार्यरत रहीं। लेकिन जल्द ही उन्होंने तय किया कि वह कुछ अलग करेंगी – ऐसा कुछ जो लोगों की ज़िंदगियों में बदलाव ला सके।

फाइनेंशियल लिटरेसी के क्षेत्र में शानदार शुरुआत

साक्षी ने अक्टूबर 2023 से सोशल मीडिया पर बतौर फाइनेंस इंफ्लुएंसर काम करना शुरू किया। अपने कंटेंट में वह आसान भाषा में लोगों को बजटिंग, सेविंग्स, निवेश, स्टॉक मार्केट और टैक्स प्लानिंग जैसे विषयों पर शिक्षित करती हैं। उनकी यह अनोखी पहल लोगों को खूब पसंद आई और देखते ही देखते उनकी लोकप्रियता आसमान छूने लगी।

फोर्ब्स से मिली पहचान

15 मई की सुबह साक्षी को फोर्ब्स मैगजीन से ईमेल मिला जिसमें बताया गया कि उन्हें Forbes Asia 30 Under 30 की सूची में शामिल किया गया है। इस उपलब्धि के बाद से उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। उनके माता-पिता, पिता पंकज जैन (टायर व्यवसायी) और मां अंचला जैन, उनकी इस सफलता से बेहद गर्वित हैं। उनके दादाजी सुरेश कुमार जैन एक प्रोफेसर रह चुके हैं।

युवा पीढ़ी को मिलेगा प्रेरणा

साक्षी का मानना है कि इस अंतरराष्ट्रीय पहचान से लोगों, खासकर युवाओं का उन पर विश्वास और भी मजबूत होगा। वह चाहती हैं कि हर युवा आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बने और फाइनेंशियल प्लानिंग को गंभीरता से ले। उन्होंने कहा कि उनका यह सफर अभी शुरू हुआ है और आने वाले समय में वह और भी ज्यादा लोगों तक पहुंचना चाहती हैं।

साक्षी जैन ने यह साबित कर दिया है कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और मेहनत ईमानदारी से की जाए, तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। उनकी कहानी न सिर्फ प्रेरणादायक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सोशल मीडिया सिर्फ मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि शिक्षा और सशक्तिकरण का भी एक सशक्त प्लेटफॉर्म बन सकता है।

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