झारखंड के कांके रोड में रहने वाले दर्शन जालान ने मात्र 22 साल की उम्र में 100 से अधिक फिल्मों और वेब शो में कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग कर ली है. हाल ही में, उनकी डिज़ाइन की गई फिल्म “लापता लेडीज” ऑस्कर के लिए भेजी जा रही है. दर्शन के माता-पिता राम प्रसाद जालान और उषा जालान रांची में बिजनेस से जुड़े हैं, लेकिन दर्शन ने अपने करियर के लिए एक अलग राह चुनी. उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा और “अनवर” फिल्म से प्रसिद्धि हासिल की. इसके बाद, “मिथ्या”, “धोबीघाट”, “थ्री इडियट्स”, “दम लगा के हईशा”, “विक्रम वेधा”, “मिर्जापुर” जैसी फिल्मों और शोज़ में काम किया.
“लापता लेडीज” के लिए कॉस्ट्यूम डिजाइन
फिल्म “लापता लेडीज” की कहानी 90 के दशक पर आधारित है. दर्शन ने उस समय के कपड़ों को ध्यान में रखते हुए कॉस्ट्यूम डिजाइन किए. उन्होंने बताया कि चेक्स और आधुनिक रंगों को इस्तेमाल नहीं किया गया, ताकि फिल्म में 90 के दशक का सही अहसास हो सके. दर्शन ने कहा, “मुझे आज भी याद है कि 90 के दशक में हम किस तरह के कपड़े पहनते थे, इसलिए उस समय के कपड़े डिजाइन करना मेरे लिए आसान रहा. मेरा मकसद यह था कि फिल्म देखने के बाद लोग कहें कि हां, हम भी उस समय ऐसे ही कपड़े पहनते थे”.
कपड़ों का कनेक्शन रांची से
दर्शन ने बताया कि फिल्म “लापता लेडीज” में जितने भी स्वेटर, मफलर और गर्म कपड़े दिखाए गए हैं, वे सभी रांची से मंगवाए गए थे. उन्होंने कहा, “मैंने कई बार रांची से कपड़े मंगवाए हैं, क्योंकि मेरा रांची से गहरा कनेक्शन है. मेरे नानाजी की यहां कपड़ों की दुकान थी, जिससे मुझे हमेशा प्रेरणा मिली। फिल्म ‘लापता लेडीज’ के कपड़े भी रांची से ही मंगवाए गए थे”.
ड्रेस डिजाइनिंग का सफर
दर्शन ने बताया कि उन्होंने NIFT से पास करने के बाद नौकरी की थी, लेकिन फिल्मों में उनकी शुरुआत 2002 में हुई. उनके एक मित्र ने उन्हें मनीष झा से मिलवाया, जो उस समय बिहार के पारंपरिक कपड़ों के लिए एक डिजाइनर की तलाश कर रहे थे. दर्शन ने मनीष झा की फिल्म “मातृभूमि” के लिए कॉस्ट्यूम डिजाइन किया, जो 2003 में रिलीज़ हुई थी. इसके बाद दर्शन का फिल्म इंडस्ट्री में सफर शुरू हो गया.
फिल्म इंडस्ट्री में काम करने का अनुभव
दर्शन ने बताया कि कॉस्ट्यूम डिजाइन करने से पहले वे स्क्रिप्ट पढ़ते हैं और फिल्म के डायरेक्टर से बातचीत करते हैं कि उन्हें किस तरह के कपड़े चाहिए. “लापता लेडीज” की कहानी दुल्हनों के इर्द-गिर्द घूमती है, इसलिए फिल्म में दोनों दुल्हनों ने पूरी फिल्म में सिर्फ साड़ी ही पहनी है. दर्शन ने इन साड़ियों को खुद डिजाइन किया और कपड़े लेकर इन्हें बनाया.
ऑस्कर में “लापता लेडीज”
फिल्म “लापता लेडीज” के ऑस्कर में जाने पर दर्शन बेहद खुश हैं. उन्होंने कहा, “किरण राव ने एक बेहतरीन फिल्म बनाई है, जिसे लोग खूब पसंद कर रहे हैं. अब यह फिल्म ऑस्कर में जा रही है, जिससे मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है. मैंने किरण की पहली फिल्म ‘धोबीघाट’ में भी कॉस्ट्यूम डिजाइन किया था, और अब उनके साथ फिर से काम करके बहुत अच्छा लग रहा है”.
अपकमिंग प्रोजेक्ट्स
दर्शन इस समय कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं. वे यशराज फिल्म्स और नेटफ्लिक्स के साथ फिल्म “विजय 69” बना रहे हैं. इसके अलावा, पवन कल्याण के साथ फिल्म “ओजी”, नेटफ्लिक्स के लिए दिवाकर बनर्जी की फिल्म “फ्रीडम”, और टिस्का चोपड़ा के निर्देशन में “साली मोहब्बत” पर भी काम कर रहे हैं.
झारखंड के युवा फैशन डिजाइनरों को सलाह
दर्शन ने झारखंड के उन युवाओं के लिए सलाह दी जो फैशन डिजाइनिंग में करियर बनाना चाहते हैं. उन्होंने कहा, “फैशन डिजाइनिंग की पढ़ाई बहुत जरूरी है, लेकिन इसके साथ ही कपड़ों की समझ और रुचि होनी चाहिए. एआई से सब कुछ नहीं हो सकता, आपको सिलाई और फिटिंग का ज्ञान होना चाहिए. जो कपड़े मैं फिल्मों में डिजाइन करता हूँ, वे इस तरह होते हैं कि कोई भी खुद को उनमें देख सकता है”. दर्शन ने नए फैशन डिजाइनरों को सलाह दी कि वे ज्यादा से ज्यादा घूमें, देश-दुनिया के फैशन को समझें और दूसरों को ऑब्जर्व करें. उन्होंने कहा “अगर कोई लुक मुझे पसंद आता है, तो मैं रास्ते में चलते हुए भी उसका फोटो खींच लेता हूँ,”.