राज्यपाल और कुलाधिपति राधाकृष्णन आज रांची विश्वविद्यालय के 36 वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इस मौके पर राज्यपाल ने छात्रों का जोहार के साथ अभिवादन किया। राज्यपाल ने कहा, जोहार… अपनी शिक्षा की बदौलत हम वैश्विक गुरू बनने की ओर अग्रसर हैं…। शिक्षा की शक्ति की बदौलत ही आज भारत वैश्विक गुरू बनने की ओर कदम बढ़ा चुका है। हाल के कुछ वर्षों में भारतीय युवाओं ने अपनी शिक्षा से विश्व के सभी संस्थानों, उद्यमों के शीर्ष स्थानों को प्राप्त किया है।
उन्होंने कहा कि मुझे यह देख कर बेहद खुशी होती है कि आज यूरोप अमेरिका हमारी ओर देख रहे हैं। राष्ट्र का सम्मान विश्व की नजर में बढ़ा है तो इसका कारण हमारी शिक्षा, हमारे संस्कार और देश की युवा शक्ति हैं…। हमें अपनी भाषा और संस्कृति पर गर्व करना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि अपनी क्षेत्रीय एवं मातृभाषा को जानने के साथ ही अंग्रेजी को भी सीखना आवश्यक है। ताकि हम सारे विश्व के बारे में जान सकें। जितनी समृद्ध हमारी शिक्षा है, जैसे परिश्रमी हमारे युवा है, जैसी ज्ञान और शोध की हमारी शक्ति है उससे मैं आश्वस्त हूं कि हम जल्द ही विश्वगुरू बनेंगे…।
उन्होंने अपने संबोधन में छात्रों, कुलपति प्रोफेसर डॉ अजीत कुमार सिन्हा और आरयू के सभी पदाधिकारियों और कर्मियों को शुभकामनाएं दी। राज्यपाल ने समारोह में 65 टापरों को गोल्ड मेडल प्रदान किए। साथ ही 2859 छात्रों को भी उपाधि प्रदान की गई। इसमें पीजी विभागों के टापर, पीएचडी तथा अपने विषयों के टापर छात्रों को कुलाधिपति ने स्वयं गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया।