रांची यूनिवर्सिटी के इंटर कॉलेज यूथ फेस्टिवल ‘रीझ-रंग’ में इस बार स्नातकोत्तर (पीजी) नागपुरी विभाग के छात्रों ने अपनी शानदार कला और प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए लोकनृत्य प्रतियोगिता में पहला स्थान प्राप्त किया. उनकी प्रस्तुत ‘कलशा नृत्य’ ने न केवल दर्शकों का दिल जीता बल्कि टीम को गोल्ड मेडल भी दिलाया. यह कार्यक्रम रांची यूनिवर्सिटी के टीआरएल संकाय के तत्वावधान में आयोजित किया गया था, जिसमें प्रतिभागियों ने अपने-अपने सांस्कृतिक लोकनृत्यों से मंच को जीवंत कर दिया.
नागपुरी विभाग की ऐतिहासिक जीत
स्नातकोत्तर नागपुरी विभाग की इस जीत के बाद विभागाध्यक्ष और टीम के मार्गदर्शकों ने खुशी जाहिर की. टीम मैनेजर डॉ. बीरेन्द्र कुमार महतो ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “यह तो बस शुरुआत है, हमारी मंजिल अभी बाकी है. हमारी टीम ने यह साबित कर दिया है कि हम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी अपनी संस्कृति का परचम लहराने की क्षमता रखते हैं. “उन्होंने यह भी बताया कि जनवरी 2025 में पश्चिम बंगाल के निवेदिता विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय युवा महोत्सव में उनकी टीम गोल्ड मेडल जीतने के लिए पूरी तरह तैयार है.
प्रतिभाओं से भरा नागपुरी विभाग
नागपुरी विभाग के प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ. उमेश नंद तिवारी ने कहा, “हमारे विभाग में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है. छात्र-छात्राओं में अपार क्षमता है और उन्हें उचित मार्गदर्शन और मंच मिलने पर वे किसी भी स्तर पर अपनी छाप छोड़ सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इस बार निवेदिता विश्वविद्यालय में नागपुरी विभाग के छात्र अवश्य ही बेहतर प्रदर्शन करेंगे और हमारी संस्कृति को एक नई पहचान देंगे.
टीम को मिला प्रशस्ति पत्र
रांची यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. अजीत कुमार सिन्हा ने इस सफलता पर टीम को बधाई देते हुए टीम मैनेजर डॉ. बीरेन्द्र कुमार महतो को प्रशस्ति पत्र सौंपा. इस अवसर पर नागपुरी विभाग के अन्य शिक्षकों और छात्रों ने भी टीम की सराहना की. डॉ. रीझू नायक ने कहा कि यह उपलब्धि विभाग के लिए गौरव का क्षण है और इससे आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा मिलेगी.
संकाय में खुशी की लहर
इस उपलब्धि पर पूरे टीआरएल संकाय में उत्साह का माहौल है. सभी ने विजयी छात्रों को शुभकामनाएं दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की. रवि कुमार, पूनम भगत, अनूप गाड़ी, राजकुमार, प्रभा हेमरोम, बसंती मुण्डा और चंदा देवी जैसे शिक्षकों और छात्रों ने अपनी बधाई दी.
विजयी टीम के सदस्य
इस शानदार नृत्य प्रदर्शन में कई छात्र-छात्राओं ने भाग लिया. विजयी टीम में सरस्वती कुमारी, आरती लिंडा, काजल कुमारी, संगीता कुमारी, कल्पना उरांव, प्रीति लकड़ा, सोनी कुमारी, गुड़िया कुजूर, सुहानी लिंडा और उषा कुमारी मुख्य रूप से शामिल थीं. संगीत और वाद्य यंत्रों की भूमिका में सुनील कुमार महतो (ढांक), सोनू सपवार (नगाड़ा), दीपक उरांव (झांझ) और आशीष महतो (शहनाई) ने अपनी कला का प्रदर्शन किया.
आगामी राष्ट्रीय युवा महोत्सव में उम्मीदें
इस शानदार प्रदर्शन के बाद सभी की निगाहें जनवरी 2025 में होने वाले राष्ट्रीय युवा महोत्सव पर हैं. नागपुरी विभाग की टीम से न केवल विश्वविद्यालय बल्कि पूरे झारखंड को बड़ी उम्मीदें हैं. टीम मैनेजर और शिक्षकों का कहना है कि वे इस आयोजन के लिए पूरी तैयारी कर रहे हैं और उनकी कोशिश रहेगी कि ‘कलशा नृत्य’ की इस विरासत को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई जाए.