रोशनी से जगमग होगा रांची रिंग रोड, यातायात होगा सुगम…..

रांची की यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने में रिंग रोड की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है. यह हाई-स्पीड कॉरिडोर शहर के बाहरी इलाकों से होकर गुजरता है और अन्य राज्यों एवं शहरों से जुड़ने का एक प्रभावी माध्यम बन चुका है. हालांकि, इस सड़क पर रात के समय प्रकाश की व्यवस्था न होने के कारण कई बार यातायात में परेशानी होती है. अब पथ निर्माण विभाग ने इस समस्या को हल करने की दिशा में कदम बढ़ाया है और ऊर्जा विभाग को रिंग रोड पर स्ट्रीट लाइट लगाने का प्रस्ताव भेजा है.

रोशनी से होगा यातायात सुगम

रिंग रोड को रोशनी से जगमग करने की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी. अब इस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है. पथ निर्माण विभाग द्वारा ऊर्जा विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है, जिसके बाद विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी. योजना पर अमल होने के बाद रिंग रोड पर पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था होगी, जिससे यातायात और भी सुगम एवं सुरक्षित हो जाएगा. खिजरी के कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप ने इस संबंध में मांग उठाई थी, जिस पर विभाग ने तत्परता दिखाते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है. रिंग रोड पर स्ट्रीट लाइट्स लगने के बाद यात्रियों और वाहन चालकों को राहत मिलेगी, खासकर रात में सफर करने वालों के लिए यह सुविधा बेहद लाभदायक होगी.

स्पीड ब्रेकर लगाने का सुझाव अस्वीकार

रिंग रोड पर तेज रफ्तार वाहनों और दुर्घटनाओं की बढ़ती घटनाओं के कारण कुछ लोगों ने स्पीड ब्रेकर लगाने की मांग की थी. लेकिन पथ निर्माण विभाग ने इस सुझाव को अस्वीकार कर दिया है. विभाग का कहना है कि चूंकि रिंग रोड का डिजाइन 100 किमी प्रति घंटे की गति के लिए किया गया है, ऐसे में स्पीड ब्रेकर लगाना असुरक्षित हो सकता है. इससे तेज गति से चल रहे वाहनों को अचानक ब्रेक लगाना पड़ सकता है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना और बढ़ जाएगी. रिंग रोड के सभी प्रमुख जंक्शनों पर लेवल सेपरेटर (ऊंचे पुल) लगे हुए हैं, जो ट्रैफिक को व्यवस्थित और सुरक्षित बनाते हैं. इसलिए अतिरिक्त स्पीड ब्रेकर लगाने की जरूरत नहीं है.

स्ट्रीट लाइट का नहीं था प्रारंभिक प्रावधान

रिंग रोड परियोजना झारखंड त्वरित पथ विकास कार्यक्रम (जेएआरडीपी) के तहत लोक निजी भागीदारी (पीपीपी मोड) में विकसित की गई थी. इसके फेज-दो से फेज-सात तक (कुल 59.767 किलोमीटर) की सड़क के निर्माण एवं संचालन की जिम्मेदारी झारखंड एक्सिलरेटेड रोड डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (जेएआरडीसीएल) को सौंपी गई थी. यह कंपनी झारखंड रोड प्रोजेक्ट्स इंप्लीमेंटेशन कंपनी लिमिटेड और झारखंड इंफ्रास्ट्रक्चर इंप्लीमेंटेशन कंपनी के साथ मिलकर इस परियोजना को संचालित कर रही है. परियोजना के करार में स्ट्रीट लाइट का प्रविधान नहीं था, जिसके कारण यह समस्या बनी हुई थी. अब पथ निर्माण विभाग इस दिशा में सुधार की दिशा में काम कर रहा है. यदि प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है, तो जल्द ही रिंग रोड पर रोशनी की व्यवस्था कर दी जाएगी.

सात खंडों में विभक्त है रिंग रोड

रांची रिंग रोड को सात खंडों में विभाजित किया गया है. रामपुर से दलादली सेक्शन के तहत खंड तीन से छह तक का पथांश आता है. यह छह लेन वाला हाई-स्पीड कॉरिडोर है, जिसका निर्माण तेज गति से सुचारू यातायात को ध्यान में रखते हुए किया गया है. इसका डिजाइन 100 किमी प्रति घंटे की गति को सहन करने के लिए तैयार किया गया है. इस हाई-स्पीड कॉरिडोर में स्पीड ब्रेकर लगाने से सुरक्षा संबंधी जोखिम बढ़ सकता है, इसलिए परियोजना के दौरान ही इसे शामिल नहीं किया गया था. हालांकि, सड़क के प्रमुख जंक्शनों पर लेवल सेपरेटर लगाए गए हैं, ताकि यातायात सुचारू रूप से चलता रहे और दुर्घटनाओं की आशंका कम हो.

यातायात में होगा सुधार

रिंग रोड को बेहतर बनाने की दिशा में किए जा रहे इन प्रयासों से राजधानी रांची के यातायात में और सुधार होगा. रोशनी की व्यवस्था होने से रात के समय वाहन चालकों को सुविधा मिलेगी और दुर्घटनाओं की आशंका भी कम होगी. यह कदम न केवल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा बल्कि रांची को एक आधुनिक और बेहतर यातायात प्रणाली देने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी.

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