रांची: अपर बाजार के कारोबारियों को राहत, निगम के आदेश पर सात फरवरी तक रोक..

रांची: अपर बाजार के प्रतिष्ठानों को राहत मिली है। आरआरडीए ट्रिब्यूनल ने नगर निगम के व्यापारिक प्रतिष्ठानों को सील करने के आदेश पर सात फरवरी तक रोक लगा दी है। इस अवधि तक निगम इन प्रतिष्ठानों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगा। नगर निगम के आदेश के खिलाफ ट्रिब्यूनल में की गई अपील पर सुनवाई जारी रहेगी। इसके पहले झारखंड हाईकोर्ट ने भी कारोबारियों को राहत दी थी और कहा था कि ट्रिब्यूनल के आदेश आने तक नगर निगम प्रतिष्ठानों के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करे।

नगर निगम ने अपर बाजार के दुकानदारों को बिना नक्शा और स्वीकृत नक्शे के पालन किए बिना बनाए गए प्रतिष्ठानों को अवैध करार देते हुए उन्हें सील करने का आदेश दिया था। निगम के आदेश को प्रतिष्ठान संचालकों ने ट्रिब्यूनल में चुनौती दी थी। प्रारंभिक सुनवाई के बाद ट्रिब्यूनल ने नगर निगम के आदेश पर रोक नहीं लगायी थी। इसके बाद निगम ने सभी प्रतिष्ठान संचालकों को अपने प्रतिष्ठान हटाने का नोटिस दिया था। ऐसा नहीं करने पर प्रतिष्ठानों को सील करने की बात कही गई थी। निगम के नोटिस को प्रतिष्ठान संचालकों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। निगम के नोटिस के खिलाफ 29 याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर की गई हैं।

मंगलवार को यह मामला हाईकोर्ट के एकलपीठ में जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में सूचीबद्ध था। सुनवाई के दौरान एकलपीठ ने कहा कि इस तरह के मामले में खंडपीठ में जनहित याचिका दायर की गई है और इस पर सुनवाई शुरू हो चुकी है। ऐसे में इस मामले की सुनवाई खंडपीठ में ही होगी। एकलपीठ इसकी सुनवाई नहीं कर सकती। इसके बाद एकलपीठ ने याचिका खंडपीठ में स्थानांतरित कर दी।

इसक बाद प्रार्थियों ने खंडपीठ में आवेदन देकर इस मामले की तुरंत सुनवाई करने का आग्रह किया। खंडपीठ ने आग्रह को स्वीकार कर लिया। शाम साढ़े चार बजे चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने सुनवाई शुरू की। सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि इस मामले की ट्रिब्यूनल में भी सुनवाई चल रही है। इस पर अदालत ने कहा कि जब ट्रिब्यूनल में मामले की सुनवाई चल रही है, तो इस मामले की हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं की जा सकती। प्रार्थियों के आग्रह के बाद अदालत ने ट्रिब्यूनल का आदेश आने तक नगर निगम को प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया। इसके बाद ट्रिब्यूनल ने सुनवाई पूरी करने के बाद निगम के आदेश पर सात फरवरी तक रोक लगा दी।

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