रांची: अपराधियों का आतंक लगातार राजधानी में बढ़ता जा रहा है। अपराधी बिना किसी डर के आराम से घटना को अंजाम देकर चलते बनते है और पुलिस कुछ नहीं कर पाती। लेकिन अब रांची पुलिस ने अपराध पर लगाम लगाने के लिए कमर कस ली है। रांची पुलिस हाईटेक फेस डिटेक्शन कैमरों से अपराधियों की पहचान करेगी। रांची पुलिस ने शहर के वैसे इलाके जहां अक्सर सांप्रदायिक तनाव के मामले सामने आते है या वैसे इलाके जहां अपराधियों का मूवमेंट ज्यादा रहता है। वहां उच्च क्वालिटी का फेस डिटेक्शन कैमरा लगाने का काम शुरू कर दी गई है।
रांची के एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बताया कि राजधानी के सुरक्षा के लिहाज से 50 नए सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे है। इन कैमरो की खासियत इनकी फेस डिटेक्शन टेक्नोलॉजी है। सीसीटीवी कैमरे के सामने से गुजरने वाले हर चेहरे को पहचानने की काबिलियत रखती है। पुलिस उन सभी वांटेड अपराधियों के चेहरे अपने मास्टर कंप्यूटर में फीड करेगी जो सीआईडी और स्पेशल ब्रांच के द्वारा उपलब्ध कराया जाता है।
साथ ही अपराधीयों के चेहरे को भी कंप्यूटर में फीड किया जाएगा। जो अक्सर राजधानी में घटना को अंजाम देते पकड़े जाते हैं। जैसे ही कोई अपराधी सीसीटीवी कैमरे के सामने से गुजरेगा वैसे ही कंट्रोल रूम में एक विशेष तरह के सिग्नल बीप बज उठेगी। फिर इसके आधार पर पुलिस को अपराधी को पहचानने और उसके खिलाफ कार्रवाई करने में आसानी रहेगी।
जेल से बाहर निकलने के बाद भी कई अपराधी लगातार अपराध की घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं। वहीं दूसरी तरफ जंगल में लगातार अभियान चलने की वजह से कई नक्सली शहर में छुपे होते है। शातिर अपराधी और नक्सलियों की तस्वीर पुलिस के पास पहले से ही मौजूद हैं। ऐसे में अगर अपराधी फेस डिटेक्शन कैमरे के सामने से गुजरते हैं तो पुलिस को उनके शहर में आने की सूचना मिल जाएगी। फिर उन्हें गिरफ्तार कर अपराध की घटनाओं पर रोक लगाई जा सकेगी।
राजधानी रांची में पिछले साल से हर चौक चौराहे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। इसी बीच कई ऐसी जगह पर फेस डिटेक्शन कैमरे लगाए गए है।जिसके बारे में सिर्फ पुलिस को जानकारी है। क्योंकि पुलिस का मानना है कि अपराधियों को यह जानकारी मिल जाएगी तो वे सावधान हो जाएंगे। इसलिए कई संवेदनशील स्थानों पर गुप्त रूप से फेस डिटेक्शन कैमरे लगाए गए है।