रांची: बैंक्वेट हॉल, लॉज-हॉस्टल के लाइसेंस के लिए पड़ोसियों की अनुमति जरूरी….

झारखंड हाईकोर्ट ने शहर में संचालित बैंक्वेट हॉल, मैरिज हॉल, लॉज और हॉस्टल के रजिस्ट्रेशन में सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं. इसके तहत, अब इन स्थानों के लाइसेंस रजिस्ट्रेशन से पहले स्थानीय नागरिकों और विशेष रूप से पड़ोसियों की सहमति जरूरी होगी. रांची नगर निगम ने इस प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए 152 लॉज-हॉस्टल और 36 बैंक्वेट मैरिज हॉल की सूची जारी की है. साथ ही, इनसे संबंधित किसी भी आपत्ति को दर्ज कराने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है.

पड़ोसियों की आपत्ति का महत्व

नियम के अनुसार, किसी बैंक्वेट हॉल, मैरिज हॉल या लॉज-हॉस्टल को लाइसेंस तब ही मिलेगा, जब उनके पड़ोसियों को इससे कोई परेशानी न हो. अगर पड़ोसी संचालन को लेकर कोई आपत्ति दर्ज करते हैं, तो उस स्थान को लाइसेंस जारी नहीं किया जाएगा. नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि 15 दिनों के भीतर आपत्ति दर्ज न कराने पर बाद में किसी की आपत्ति पर विचार नहीं किया जाएगा.

आपत्ति दर्ज कराने की प्रक्रिया

जो लोग अपने आसपास संचालित या नए खुलने वाले बैंक्वेट हॉल, मैरिज हॉल या लॉज-हॉस्टल से परेशान हैं, वे अपनी शिकायत निगम के अपर प्रशासक के पास दर्ज करा सकते हैं. यह आपत्ति व्यक्तिगत या सामूहिक रूप से दर्ज की जा सकती है. निगम ने सभी संबंधित पक्षों से समय सीमा के भीतर अपनी आपत्ति दर्ज कराने की अपील की है.

देर रात तक बैंड-बाजा और डीजे का शोर

रांची में कई बैंक्वेट और मैरिज हॉल रात 10 बजे के बाद भी बैंड-बाजा और डीजे बजाने का काम जारी रखते हैं. यह झारखंड हाईकोर्ट के उस आदेश का उल्लंघन है, जिसमें रात्रि 10 बजे के बाद तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाने पर रोक लगाई गई है. हॉस्टल और लॉज में भी कई बार युवक-युवतियों द्वारा देर रात तक पार्टियां आयोजित की जाती हैं, जिससे आसपास के लोग परेशान होते हैं. इस तरह की गतिविधियों के चलते पड़ोसियों को मानसिक तनाव झेलना पड़ता है.

पुलिस में शिकायत से डर

कई बार लोग गोपनीय रूप से पुलिस को शिकायत करने की कोशिश करते हैं, लेकिन उनकी पहचान सार्वजनिक हो जाती है. इस वजह से लोग शिकायत करने से डरते हैं. ऐसे मामलों में कई बार संचालक हिंसक रवैया अपनाते हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ जाती है.

हाईकोर्ट का निर्देश और निगम की सख्ती

झारखंड हाईकोर्ट ने दो साल पहले नगर निगम को निर्देश दिया था कि लाइसेंस रजिस्ट्रेशन से पहले आम लोगों की आपत्ति सुनना अनिवार्य बनाया जाए. इसके बाद नगर निगम ने यह नियम लागू किया कि बिना पड़ोसियों की सहमति के कोई भी लाइसेंस जारी नहीं किया जाएगा.

152 लॉज-हॉस्टल और 36 बैंक्वेट हॉल की सूची

रांची नगर निगम ने 152 लॉज-हॉस्टल और 36 बैंक्वेट हॉल की सूची जारी की है, जिन्होंने लाइसेंस के लिए आवेदन किया है. इनमें प्रमुख नाम शामिल हैं:

• बैंक्वेट हॉल: पूजा श्री बैंक्वेट हॉल, फिरायालाल बैंक्वेट, मदीना पैलेस, रिजेंसी, उपवन वाटिका, चाणक्या बीएनआर, अभिवादन बैंक्वेट मोरहाबादी, लोटस पैलेस, जामिया बैंक्वेट हॉल, सेलिब्रेशन और बॉल रूम होली डे होम, द हेरिटेज अरगोड़ा आदि.

• लॉज-हॉस्टल: अमलताश अशोक नगर, सैफरोन हाइट्स रिसॉर्ट हटिया, लेक गार्डन बैंक्वेट हॉल, होटल द रासो, आयोजन वाटिका तुपुदाना, रॉयल पैलेस रातू रोड, होटल ली लेक शारदा बाबू लेन, रांची जिमखाना क्लब, जेके सेलिब्रेशन डिबडीह आदि.

आपत्ति न होने पर मिलेगा लाइसेंस

नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि अगर 15 दिनों के भीतर किसी स्थान पर आपत्ति दर्ज नहीं की जाती, तो उस स्थान को लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा. इसके बाद किसी भी व्यक्ति की शिकायत पर विचार नहीं किया जाएगा.

आपत्ति दर्ज कराने के कारण

• देर रात तक शोरगुल: बैंक्वेट हॉल और लॉज-हॉस्टल में देर रात तक तेज आवाज में डीजे और बैंड-बाजा बजने से स्थानीय लोगों को परेशानी होती है.

• सड़क जाम: इन स्थानों पर होने वाले कार्यक्रमों के कारण अक्सर सड़कें जाम हो जाती हैं, जिससे यातायात प्रभावित होता है.

• सुरक्षा संबंधी चिंता: कई बार पार्टी या अन्य कार्यक्रमों के दौरान असामाजिक तत्व सक्रिय हो जाते हैं, जिससे इलाके की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है.

नियम और शर्तें

नगर निगम ने यह भी स्पष्ट किया है कि लाइसेंस उन्हीं को जारी किया जाएगा, जो निर्धारित नियमों और शर्तों का पालन करेंगे. इनमें शामिल हैं:

• कार्यक्रमों में रात्रि 10 बजे के बाद शोरगुल न करना.

• परिसर के आसपास साफ-सफाई बनाए रखना.

• सड़क और यातायात व्यवस्था को बाधित न करना.

• पड़ोसियों की सहमति लेना.

सख्ती का असर

नगर निगम के इस कदम से शहर में बैंक्वेट हॉल, मैरिज हॉल और लॉज-हॉस्टल संचालकों पर दबाव बढ़ा है. कई संचालक अब नियमों का पालन करने के लिए तैयार हैं.

नगर निगम की अपील

रांची नगर निगम के प्रशासक संदीप कुमार ने कहा कि आम लोग अपनी आपत्ति दर्ज कराने में देरी न करें. यह प्रक्रिया पारदर्शी है और इसमें सभी की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी. उन्होंने कहा, “हम केवल उन्हीं को लाइसेंस जारी करेंगे, जो नियमों का पूरी तरह पालन करेंगे”.

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