रांची और उसके आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में मकान और जमीन की कीमतों में पांच प्रतिशत की वृद्धि की जा रही है. इस वृद्धि के बाद अब रांची के सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन-मकान की खरीद-बिक्री महंगी हो जाएगी. यह नई दरें कल से लागू हो जाएंगी.
नए दरें और महंगे क्षेत्र
सबसे महंगी जमीन बोडेया मौजा की होगी, जहां कीमतें सबसे अधिक बढ़ेंगी. वहीं सबसे सस्ती जमीन बुड़मू में रहेगी.
आवासी दरें:
- मोरहाबादी: 202608 से 364507 रुपए प्रति डिसमिल
- कांके: 129620 से 233197 रुपए प्रति डिसमिल
- नामकुम: 147472 से 265450 रुपए प्रति डिसमिल
- बोडेया: 185972 से 334175 रुपए प्रति डिसमिल
- हेसल: 92038 से 165765 रुपए प्रति डिसमिल
- चिरौंदी: 508972 से 916575 रुपए प्रति डिसमिल
- तुपुदाना: 234912 से 422169 रुपए प्रति डिसमिल
व्यावसायिक दरें:
- मोरहाबादी: 546962 से 888707 रुपए प्रति डिसमिल
- कांके: 290375 से 471927 रुपए प्रति डिसमिल
- नामकुम: 195962 से 318573 रुपए प्रति डिसमिल
- बोडेया: 332595 से 540745 रुपए प्रति डिसमिल
- हेसल: 184075 से 299537 रुपए प्रति डिसमил
- चिरौंदी: 1013745 से 1643928 रुपए प्रति डिसमिल
- तुपुदाना: 468575 से 759275 रुपए प्रति डिसमिल
रजिस्ट्रेशन कार्यालय में भीड़
नई दरों की घोषणा के बाद रजिस्ट्रेशन कार्यालय में बड़ी संख्या में लोग अपनी जमीन और मकान की रजिस्ट्री करवाने पहुंच रहे हैं. लोग नए दरें लागू होने से पहले अपनी संपत्तियों की रजिस्ट्री करवाने में जुट गए हैं. यह भीड़ इस बात का संकेत है कि लोग बढ़ी हुई कीमतों से बचना चाहते हैं.
न्यूनतम मूल्य का निर्धारण
रांची जिला रजिस्ट्रेशन कार्यालय के अनुसार, प्रत्येक दो वर्षों के अंतराल पर न्यूनतम मूल्य का निर्धारण किया जाता है. यह मूल्य निर्धारण सरकारी नियमानुसार होता है और इसका उद्देश्य बाजार मूल्य के अनुरूप रजिस्ट्रेशन शुल्क को बनाए रखना है.
कृषि और औद्योगिक जमीन
कृषि और औद्योगिक श्रेणी की जमीन की दरें भी निर्धारित की गई हैं. कृषि और औद्योगिक श्रेणी की जमीन की दरें आवासीय और व्यावसायिक श्रेणी की तुलना में कम होंगी, लेकिन इनमें भी वृद्धि की गई है.
स्टांप और रजिस्ट्रेशन शुल्क में वृद्धि
नई दरों के साथ-साथ स्टांप और रजिस्ट्रेशन शुल्क में भी वृद्धि की जाएगी. यह वृद्धि बाजार मूल्य के अनुरूप की गई है ताकि सरकारी राजस्व में वृद्धि हो सके.
भविष्य की योजनाएँ
राज्य सरकार ने यह भी घोषणा की है कि भविष्य में भी इसी प्रकार से दरों की समीक्षा और वृद्धि की जाएगी. इसका उद्देश्य राज्य के विकास कार्यों के लिए आवश्यक राजस्व जुटाना है.