राजधानी रांची में लगातार बढ़ती आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. शहर के 13 प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया गया है. इन स्थानों पर लोगों की भारी आवाजाही होती है, जिससे ये स्पॉट अपराधियों के निशाने पर रहते हैं. एसडीओ उत्कर्ष कुमार द्वारा इन जगहों का निरीक्षण करने के बाद सीसीटीवी कैमरे लगाने का आदेश जारी किया गया है. एसएसपी के सुझाव के बाद इन स्थानों को चुना गया है और जल्द ही पर्याप्त संख्या में हाई क्वालिटी वाले कैमरे लगाए जाएंगे. हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि कुल कितने कैमरे इंस्टॉल किए जाएंगे.
पहले से लगे कैमरों का नहीं हो रहा फायदा
रांची शहर में सुरक्षा के नाम पर पहले से ही 700 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इन कैमरों को अपराध पर नजर रखने और अपराधियों को पकड़ने के उद्देश्य से लगाया गया था, लेकिन अफसोस की बात है कि यह उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है. ये कैमरे चार साल पहले लगाए गए थे और अभी तक इनका उपयोग मुख्यतः ट्रैफिक वॉयलेशन पर चालान भेजने तक ही सीमित रहा है. पुलिस के पास इन कैमरों की फुटेज की मदद से अपराधियों को पकड़ने की घटनाएं बहुत ही कम हैं. बड़े-बड़े आपराधिक मामलों में भी पुलिस के पास सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध नहीं होता है, जिससे वे अक्सर निजी रूप से लगाए गए सीसीटीवी कैमरों पर निर्भर हो जाते हैं.
यहां लगेंगे सीसीटीवी कैमरे
जिन 13 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया गया है, उनमें सभी बैंक और वित्तीय संस्थान, सभी एटीएम, सभी ज्वेलरी दुकानें, पेट्रोल पंप, होटल और रेस्टोरेंट, शराब की दुकानें, मल्टीस्टोरी फ्लैट्स, बस स्टैंड, पेड पार्किंग, मॉल और मार्केटिंग परिसर, दवा दुकानें और सभी अपार्टमेंट शामिल हैं. इन स्थानों पर हाई रिजोल्यूशन वाले कैमरे लगाए जाएंगे, ताकि आसपास की सभी गतिविधियों को रिकॉर्ड किया जा सके. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कैमरे की क्वालिटी उच्च हो और वे भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों की स्पष्टता से निगरानी कर सकें.
कैमरों की जिम्मेदारी स्थल मालिकों की
सीसीटीवी कैमरे लगाने की जिम्मेदारी संबंधित स्थल मालिकों की होगी. इन्हें 15 दिनों के भीतर यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी कैमरे ठीक से काम कर रहे हैं और कम से कम 15 दिनों तक की रिकॉर्डिंग सुरक्षित रहे. एसडीओ के आदेशानुसार, कैमरों की संख्या इतनी होनी चाहिए कि पब्लिक एरिया कवर हो सके. जहां पर लोगों का ज्यादा आवागमन हो, उन स्थानों पर विशेष ध्यान देकर कैमरों की प्लेसमेंट की जाएगी. कैमरों की देखभाल और संचालन की जिम्मेदारी भी स्थान के मालिकों की होगी. उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि कैमरे सही ढंग से काम करें और समय-समय पर इनकी जांच भी होती रहे. अगर स्थानीय पुलिस किसी विशेष अवधि की रिकॉर्डिंग की मांग करती है, तो यह जिम्मेदारी होगी कि वे इसे तुरंत उपलब्ध कराएं. यह निर्णय अपराध को रोकने और किसी भी अप्रिय घटना के तुरंत बाद की गतिविधियों को ट्रैक करने के उद्देश्य से लिया गया है.
एसडीओ का आदेश और निर्देश
एसडीओ के आदेशानुसार, कैमरों में या तो रिकार्डिंग सिस्टम होगा या कैमरे की लाइव फीड को क्लाउड पर भेजने की व्यवस्था होगी. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि फुटेज की क्वालिटी उच्च हो और इसमें किसी भी घटना को स्पष्ट रूप से देखा जा सके. कैमरों को स्थापित करने में यह भी ध्यान रखा जाएगा कि उनकी प्लेसमेंट से किसी महिला या व्यक्ति की निजता का हनन न हो. एसडीओ उत्कर्ष कुमार ने कहा कि यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि सभी कैमरे सही ढंग से कार्य करें और फुटेज 15 दिनों तक सुरक्षित रखा जाए.
सीसीटीवी पर करोड़ों खर्च, मेनटेनेंस की कमी
रांची में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए पहले ही करोड़ों रुपये खर्च किए जा चुके हैं. हालांकि, इन कैमरों की देखरेख और मेंटेनेंस की कमी के कारण ये अक्सर काम नहीं करते. कई स्थानों पर कैमरे केवल दिखावे के लिए लगे हैं और इनकी फुटेज रिकॉर्डिंग काम की नहीं है. सिटी के कुछ इलाकों में हाईटेक कैमरे भी लगाए गए हैं, लेकिन ये भी हाथी के दांत साबित हो रहे हैं. जानकारी के अनुसार, कुछ स्थानों पर कैमरे काम भी नहीं कर रहे हैं, और नियमित मेंटेनेंस की कमी के कारण इनकी उपयोगिता पर सवाल उठ रहे हैं. पुलिस की तीसरी आंख मानी जाने वाली ये कैमरे अब केवल नाम मात्र के रह गए हैं, जिससे अपराधी बिना किसी डर के शहर में आकर अपने मंसूबों को अंजाम देकर निकल जाते हैं.
कैमरों की प्लेसमेंट और उपयोगिता
एसडीओ के अनुसार, कैमरों की प्लेसमेंट और उनकी क्वालिटी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. ये कैमरे शहर के भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों को कवर करेंगे, ताकि किसी भी घटना की जानकारी आसानी से मिल सके. कैमरों की फुटेज स्थानीय पुलिस को तुरंत उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना के समय पर जांच की जा सके. कैमरों का उद्देश्य केवल निगरानी नहीं, बल्कि अपराध की रोकथाम भी है. इन कैमरों की लाइव फीड को मॉनिटरिंग सिस्टम से जोड़ने की योजना भी बनाई जा रही है, ताकि पुलिस तुरंत कार्रवाई कर सके.
उत्कर्ष कुमार, एसडीओ सदर का बयान
एसडीओ उत्कर्ष कुमार ने कहा कि प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया गया है. इसकी क्वालिटी भी उच्च होगी और भीड़भाड़ वाले 13 स्थानों पर पर्याप्त संख्या में कैमरे इंस्टॉल किए जाएंगे. यह कदम शहर की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है. यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि शहर में होने वाली हर गतिविधि की निगरानी हो सके, ताकि किसी भी प्रकार की आपराधिक घटना को तुरंत रोका जा सके.