रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने झारखंड के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एक बड़ी योजना की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि रेलवे झारखंड में 56,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा, जो राज्य में रेलवे संपर्क को बेहतर बनाने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा. यह घोषणा गुरुवार को नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से साहिबगंज-हावड़ा इंटरसिटी एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाते समय की गई. उनके साथ इस अवसर पर गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे मौजूद थे, जबकि राजमहल स्टेशन पर विधायक अनंत ओझा ने ट्रेन को हरी झंडी दिखाई. रेल मंत्री ने यह भी घोषणा की कि गुरुवार से राजमहल स्टेशन पर तेजस राजधानी एक्सप्रेस का ठहराव भी शुरू कर दिया गया है, जिससे इस क्षेत्र के यात्रियों को राजधानी एक्सप्रेस की सुविधा मिल सकेगी. इसके साथ ही, साहिबगंज-हावड़ा इंटरसिटी ट्रेन को खासतौर पर कमजोर वर्ग के लोगों के लिए उपयोगी बताया गया. मात्र 125 रुपये के किराए पर कोई भी यात्री हावड़ा तक का सफर कर सकता है, जिससे इस सेवा का लाभ सभी वर्गों के लोग उठा सकेंगे. रेल मंत्री ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में झारखंड के लिए रेलवे बजट आवंटन में 16 गुना वृद्धि हुई है. जहाँ पहले राज्य को रेलवे के लिए केवल 450 करोड़ रुपये का बजट मिलता था, अब यह बढ़कर 7,300 करोड़ रुपये हो गया है. यह झारखंड में रेलवे नेटवर्क के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए किए गए बड़े निवेश का परिणाम है. इसके अलावा, पिछले 10 वर्षों में झारखंड में 1200 किलोमीटर नए रेलवे ट्रैक का निर्माण किया गया है, जिसका शत-प्रतिशत विद्युतीकरण भी पूरा कर लिया गया है. यह राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, जिससे यात्रा की सुविधा में सुधार हुआ है और ऊर्जा दक्षता बढ़ी है.
निशिकांत दुबे के विचार
इस कार्यक्रम में सांसद निशिकांत दुबे ने भी अपने विचार रखे और साहिबगंज में हो रहे विकास कार्यों पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि दो राज्यों के बीच पुल बनाने का काम हो या बंदरगाह का निर्माण, इसमें केंद्र सरकार की भूमिका हमेशा महत्वपूर्ण होती है. पहले केवल समुद्र के किनारे बंदरगाह बनाए जाते थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने साहिबगंज में गंगा नदी के किनारे बंदरगाह का निर्माण करवा कर एक नई शुरुआत की है. यह बंदरगाह न केवल साहिबगंज बल्कि पूरे क्षेत्र के आर्थिक और औद्योगिक विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में गंगा पुल और बंदरगाह इस क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका निभाएंगे. इसके साथ ही, राजमहल और सकरीगली के विकास की भी योजना है. निशिकांत दुबे ने कहा कि उनका बचपन इसी क्षेत्र में गुजरा है, इसलिए इस क्षेत्र से उनका गहरा लगाव है. इसी भावना के चलते उन्होंने साहिबगंज से दो नई एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन शुरू करवाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस पूरी योजना का मकसद झारखंड को रेलवे नेटवर्क के माध्यम से देश के बाकी हिस्सों से बेहतर तरीके से जोड़ना है, जिससे राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास को गति मिल सके. रेलवे के बुनियादी ढांचे के विकास से राज्य के उद्योगों को भी फायदा होगा और व्यापार में तेजी आएगी. इस अवसर पर रेल मंत्री ने यह भी कहा कि झारखंड में भविष्य में और भी बड़ी परियोजनाओं पर काम किया जाएगा, जिनमें रेलवे के विस्तार के साथ-साथ अन्य बुनियादी ढांचे का विकास भी शामिल है. इससे न केवल यातायात की सुविधा बढ़ेगी, बल्कि राज्य के लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे.