आपने घरों में नोटिस जाते हुए देखा होगा, दफ्तरों में नोटिस जाते हुए देखा होगा और आप ने दुकानों में नोटिस जाते हुए सुना होगा लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी की झारखंड के धनबाद जिले में नोटिस भगवान को दिया गया है। ये नोटिस भगवान को रेलवे की तरफ से भेजा गया है जो काफी चर्चाओं का विषय बना हुआ है।असल में रेलवे ने भगवान को ही जमीन खाली करने का नोटिस दे भेजा है। बता दें की पूर्व रेलवे मंडल आसनसोल जोन की ओर से सीनियर सेक्शन इंजीनियर कारी सीतारामपुर ने अगैरकुंड प्रखंड अंतर्गत मेधा पंचायत व शिवलीबाड़ी पूर्वी पंचायत के ग्रामीणों को रेलवे की जमीन खाली करने के संबंध में नोटिस भेजा है. इतना ही नहीं उसने कई घरों में नोटिस भी चिपका दिए है, लेकिन ये विषय तब सुर्खियों में आया जब आसनसोल मंडल के रेल अभियंता ने उस गांव में मौजूद काली मंदिर में रेलवे की जमीन खाली करने का नोटिस चिपका कर दिया. जिसके बाद लोगो का कहना है की भगवान को भी अब रेल का जमीन खाली करने की नौबत आ गई है उनको भी नोटिस भेजा जा रहा है। बता दें की नोटिस में साफ-साफ लिखा हुआ है कि, ”फ्रंट कोरिडोर कार्य के लिए आने वाले 23 मार्च तक अपना मकान खाली कर दें वरना रेलवे सख्ती का पालन करेगी.” रेलवे के तरफ से नोटिस देने आए कर्मचारियों और गांव के लोगों के बीच थोड़ी कड़वी नोकझोंक भी हुई है. ग्रामीणों ने नोटिस का काफी विरोध भी किया.
रेलवे के नोटिस से रोष में है ग्रामीण..
रेलवे की ओर से दी गई नोटिस की वजह से मेधा पंचायत और शिवलीबाड़ी पूर्वी पंचायत के ग्रामीण काफी गुस्से में है, उनका कहना है कि, ”रेलवे को पहले हमलोगों का पुनर्वास करना चाहिए, फिर हम सबको उजाड़ देना चाहिए, माननीय सर्वोच्च न्यायालय का हवाला देते हुए कि हम पहले उनका पुनर्वास कहां करें, उसके बाद हमारे सभी घरों को उजाड़ दें, आबादी कहां जाएगी, इसके लिए ग्रामीण लड़ने को तैयार हैं. ”रेलवे के द्वारा भेजे गए नोटिस की वजह से लोगों में काफी दहशत का माहौल है।
नेताओं ने दिया गांव वालों को आश्वाशन..
इस मुद्दे पर नेताओं ने ग्रामीणों से बात की और इसका हल निकालने का आश्वाशन दिया है। इस मुद्दे को पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने रेलवे मुख्यालय कोलकाता में अधिकारियों से बातचीत की है साथ ही निरसा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने भी इस मामले को विधानसभा में प्रमुखता से उठाया है और सबके समक्ष रखा है और इसको ठीक करने की मांग करी है। बता दें की इस संबंध में वरिष्ठ अनुभाग अधिकारी शिवकुमार ने बताया कि इससे पहले भी गांव वालों को रेलवे बोर्ड ने नोटिस जारी कर जमीन खाली करने की बात कही थी। ग्रामीणों के तरफ से कोई हरकत नहीं होने की वजह से एक बार फिर रेलवे ने ग्रामीणों को नोटिस जारी किया है और कहा है की समय रहते ही वह अपना मकान खाली कर दें।