रेल हादसा: कई ट्रेनें प्राभावित, रेल विभाग और झारखंड सरकार ने की मुआवजे की घोषणा….

झारखंड के चक्रधरपुर में मंगलवार को एक बड़ा रेल हादसा हुआ. हावड़ा-मुंबई मेल के 18 डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे लगभग 3 लोगों की मौत हो गई और करीबन 18 लोग घायल हो गए. इस हादसे के बाद टाटानगर-चक्रधरपुर रेलखंड पर ट्रेनों का संचालन पूरी तरह ठप हो गया है.

घटनास्थल की स्थिति

दुर्घटना के बाद रेलवे और बचाव टीमों ने तत्काल कार्रवाई की. घायलों को स्थानीय अस्पतालों में ले जाया गया और राहत कार्य तेजी से चलाया गया. घटनास्थल पर बचाव कार्य में रेलवे के आला अधिकारी, पुलिस और स्थानीय प्रशासन शामिल हैं. सभी डिब्बों को सही-सलामत निकालने और यातायात को सामान्य स्थिति में लाने के लिए गहन प्रयास किए जा रहे हैं. रेलवे के अधिकारियों ने घटना की जांच शुरू कर दी और पता लगाने की कोशिश की कि मालगाड़ी की डिरेलमेंट के पीछे की वजह क्या थी.

जायज़ा और जांच

रेलवे अधिकारियों ने कहा है कि इस दुर्घटना की प्राथमिक जांच में यह पाया गया है कि मालगाड़ी का डिरेलमेंट पहले ही हुआ था. विस्तृत जांच के बाद पता चलेगा कि मालगाड़ी को कैसे और क्यों ट्रैक पर छोड़ा गया. इस घटना के चलते हावड़ा-मुंबई मार्ग पर ट्रेनों का आवागमन प्रभावित हुआ है. आसपास के सभी रेलवे स्टेशनों पर अलर्ट जारी कर दिया गया है. यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे यात्रा करने से पहले ट्रेनों की स्थिति की जानकारी ले लें और अनावश्यक यात्रा से बचें.

रेस्क्यू ऑपरेशन और प्रशासनिक प्रतिक्रिया

रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत गंभीर रूप से घायल यात्रियों को तुरंत चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई गई है. रेलवे मंत्रालय ने भी दुर्घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है और घायल यात्रियों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घटना पर शोक जताया है और राज्य सरकार की ओर से मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा की है. इसके साथ ही, उन्होंने स्थानीय प्रशासन से घायलों के इलाज और राहत कार्यों को प्राथमिकता देने को कहा है.

दुर्घटना का प्रभाव

इस हादसे का व्यापक प्रभाव पड़ा है. यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. स्टेशन पर यात्री घंटों इंतजार कर रहे हैं और कुछ को वैकल्पिक मार्गों से गंतव्य तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. रेलवे अधिकारी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द सेवा बहाल की जा सके और यात्रियों को कम से कम परेशानी हो.

प्रभावित ट्रेनें

इस हादसे के बाद कई ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं. प्रमुख रद्द ट्रेनों में शामिल हैं:

  • हावड़ा-टिटलागढ़-कांतबांजी एक्सप्रेस
  • खड़गपुर-झारग्राम-धनबाद एक्सप्रेस
  • हावड़ा-बारबिल-हावड़ा जनशताब्दी एक्सप्रेस
  • टाटानगर-इतवारी एक्सप्रेस
  • शालीमार-एलटीटी एक्सप्रेस

शॉर्ट टर्मिनेट हुई ट्रेनें

  • बिलासपुर-टाटानगर एक्सप्रेस अब राउरकेला तक
  • एर्नाकुलम-टाटानगर एक्सप्रेस अब चक्रधरपुर तक
  • हावड़ा-चक्रधरपुर एक्सप्रेस अब आद्रा तक
  • इतवारी-टाटानगर एक्सप्रेस अब बिलासपुर तक

रेलवे अधिकारियों की प्रतिक्रिया

रेलवे अधिकारी सेवा बहाल करने में जुटे हुए हैं. हादसे के कारणों की विस्तृत जांच चल रही है और रिपोर्ट जल्द ही जारी की जाएगी. रेलवे ने यात्रियों को असुविधा के लिए खेद प्रकट किया है और यात्रा को पुनः सुरक्षित और सुचारू बनाने के प्रयास में है.

हेल्पलाइन नंबर

  • सरायकेला खरसावां: 6204800965, 8789080490
  • टाटानगर: BSNL – 0657-2290324, RAILWAY – 73523
  • चक्रधरपुर: BSNL – 06587-238072, RAILWAY – 72770
  • राउरकेला: 0661-2501072, 0661-2500244, 0661-2500191, 0661-2500171
  • झारसुगुड़ा: 06645-272530

रेलवे की ओर से मुआवजे की घोषणा

भारतीय रेलवे ने हादसे के पीड़ितों के परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की है. रेलवे मंत्रालय द्वारा घोषित मुआवजे के अनुसार, मृतकों के परिवारों को ₹10 लाख की अनुग्रह राशि दी जाएगी. इसके अतिरिक्त, गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को ₹2 लाख का मुआवजा मिलेगा, जबकि मामूली चोटें आने वाले लोगों को ₹50,000 की राशि दी जाएगी. रेलवे मंत्रालय ने हादसे की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है. यह समिति हादसे की पूरी रिपोर्ट तैयार करेगी और इसके आधार पर दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा, रेलवे अधिकारियों ने यह भी सुनिश्चित किया है कि पीड़ित परिवारों को आवश्यक चिकित्सा और राहत सेवाएं प्रदान की जाएंगी. रेलवे मंत्रालय ने पीड़ितों की सहायता के लिए राहत कार्यों की प्राथमिकता के रूप में सहेजा है और यह सुनिश्चित किया है कि पीड़ित परिवारों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े.

झारखंड सरकार का मुआवजा

झारखंड सरकार ने भी इस हादसे के पीड़ितों के लिए मुआवजे की घोषणा की है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार मृतकों के परिवारों को ₹5 लाख की अतिरिक्त अनुग्रह राशि प्रदान करेगी. इसके साथ ही, घायलों को भी राज्य सरकार की ओर से चिकित्सा सहायता और मुआवजा मिलेगा. मुख्यमंत्री सोरेन ने यह भी कहा कि सरकार पीड़ित परिवारों के साथ इस कठिन समय में खड़ी है और उनकी हर संभव मदद करेगी. हेमंत सोरेन ने इस हादसे को एक दुखद घटना बताते हुए कहा कि यह निंदनीय है. उन्होंने पीड़ित परिवारों को सांत्वना दी और कहा कि राज्य सरकार रेलवे के साथ मिलकर इस मामले को सुलझाने और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाएगी. मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उन्हें पूरा न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे.

भविष्य की सुरक्षा योजनाएँ

रेलवे विभाग ने भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए कई नए सुरक्षा उपायों की योजना बनाई है. इनमें रेल ट्रैक की नियमित जांच, आधुनिक तकनीक का उपयोग, और ट्रेन चालकों के लिए अतिरिक्त प्रशिक्षण शामिल है.

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