कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने झारखंड के सिमडेगा जिले से आगामी विधानसभा चुनावों के प्रचार की शुरुआत की. शुक्रवार को आयोजित एक जनसभा में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी, और आरएसएस पर जोरदार हमला बोला. राहुल ने अपने 28 मिनट के भाषण में आदिवासी समुदाय, अंबानी-अडाणी के बड़े उद्योगपतियों का संदर्भ, और भारतीय संविधान का उल्लेख किया. इस मौके पर उन्होंने आदिवासी अधिकारों, सामाजिक न्याय, और संविधान की रक्षा के मुद्दों पर चर्चा की. राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा, “हम आदिवासियों, दलितों, और पिछड़ों के अधिकारों की बात करते हैं. इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि राहुल गांधी देश तोड़ने वाली बातें करता है. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में देश में दो अलग विचारधाराएं हैं: एक तरफ कांग्रेस और इंडिया गठबंधन जो संविधान की रक्षा करने में विश्वास रखते हैं, और दूसरी तरफ बीजेपी और आरएसएस, जिन पर उन्होंने संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाया.
आदिवासी अधिकार और पहचान पर बल
राहुल गांधी ने आदिवासी समाज के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए उनके साथ हो रहे भेदभाव पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि आदिवासी शब्द का अर्थ है इस धरती के प्रथम निवासी. इसके विपरीत बीजेपी और अंग्रेज उन्हें ‘वनवासी’ कहते थे. उन्होंने स्पष्ट किया कि आदिवासी का मतलब है जल, जंगल, और जमीन पर उनके अधिकार, जबकि वनवासी का मतलब यह है कि वे सिर्फ जंगलों में रहने वाले लोग हैं जिनके पास जल, जंगल, और जमीन पर कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों के चलते आदिवासी समुदाय को शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार जैसे मूलभूत अधिकारों से वंचित किया जा रहा है. उन्होंने वादा किया कि अगर कांग्रेस की सरकार बनती है, तो वे जातीय जनगणना करेंगे और समाज के पिछड़े वर्गों को उनकी सही संख्या के अनुसार प्रतिनिधित्व दिलाएंगे.
जातीय जनगणना का मुद्दा और सामाजिक न्याय की बात
राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार के सामने जब भी जातीय जनगणना का मुद्दा उठता है, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर मौन रहते हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो जातीय जनगणना पहली प्राथमिकता होगी. उन्होंने 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण बढ़ाने का भी समर्थन किया. इसके माध्यम से दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को उनके अधिकार दिलाने की बात की गई. जातीय जनगणना के समर्थन से राहुल ने समाज में न्याय और समानता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता दिखाई. उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि देश की लगभग 90% आबादी ओबीसी, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक वर्ग से आती है, फिर भी देश की बड़ी कंपनियों और उच्च प्रशासनिक पदों पर इनका प्रतिनिधित्व नगण्य है. उन्होंने कहा कि सरकार के बजट का एक बड़ा हिस्सा मुट्ठीभर अफसरों के हाथों में है, जो उस निर्णय को लेते हैं.
संविधान की रक्षा और इंडिया गठबंधन का लक्ष्य
राहुल गांधी ने अपने भाषण में भारत के संविधान की रक्षा पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि संविधान एक मात्र किताब नहीं है, बल्कि यह आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों, और गरीबों के अधिकारों की सुरक्षा करता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन संविधान की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध हैं, जबकि बीजेपी और आरएसएस संविधान को खत्म करना चाहते हैं. राहुल ने लोगों से वादा किया कि अगर उनकी सरकार बनी, तो वे ‘अग्निवीर योजना’ को खत्म करेंगे, जो उन्होंने युवाओं के भविष्य के लिए हानिकारक माना.
अंबानी-अडाणी का उल्लेख और मोदी सरकार पर हमला
राहुल गांधी ने अंबानी और अडाणी के मुद्दों को भी उठाया और कहा कि मोदी सरकार ने उनके हितों की सुरक्षा की है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी की नीतियां अडाणी और अंबानी जैसे कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों के लाभ के लिए बनाई गई हैं, जबकि गरीब और पिछड़े वर्गों की समस्याओं की अनदेखी की जा रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की योजनाएं गरीबों की भलाई के लिए हैं, और उनकी सरकार आने पर वे गरीबों के हितों के लिए कार्य करेंगे
नफरत की बाजार में मोहब्बत की दुकान
राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि वे देश को जोड़ने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी-आरएसएस की विचारधारा ने देश के एक राज्य मणिपुर को जला दिया, और अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां नहीं गए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नफरत की बाजार में मोहब्बत की दुकान चलाना चाहती है. उन्होंने एकता और भाईचारे की बात की, और कहा कि कांग्रेस देश में शांति और सौहार्द को बनाए रखने का प्रयास करेगी.
एक वोट, सात गारंटी: कांग्रेस के वादे
राहुल गांधी ने झारखंड की जनता से कांग्रेस को समर्थन देने की अपील करते हुए सात गारंटी की बात की. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बनेगी तो एससी-एसटी के आरक्षण को बढ़ाया जाएगा, 15 लाख तक की बीमा कवरेज दी जाएगी, हर व्यक्ति को सात किलो राशन मिलेगा, युवाओं के लिए हर जिले में स्कूल-कॉलेज बनाए जाएंगे, और एक मिलियन नौकरियां प्रदान की जाएंगी. ये सात गारंटी कांग्रेस के सामाजिक न्याय, आर्थिक सुरक्षा, और शैक्षिक अवसरों के सिद्धांतों पर आधारित हैं.
सिमडेगा और कोलेबिरा की राजनीति पर एक नजर
राहुल गांधी की सभा सिमडेगा और लोहरदगा में हुई, जो दक्षिण छोटानागपुर प्रमंडल का हिस्सा है. इस क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति की बहुलता है और 15 विधानसभा सीटें हैं. पिछली बार कांग्रेस और जेएमएम गठबंधन ने इस क्षेत्र में 15 में से 9 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इस बार भाजपा ने अपने गठबंधन को मजबूत करते हुए आजसू पार्टी को साथ लाया है. इस क्षेत्र में बीजेपी और कांग्रेस दोनों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है. सिमडेगा और कोलेबिरा में 50% से अधिक ईसाई मतदाता हैं, और इस बार एनोस एक्का भी अपनी झारखंड पार्टी के साथ मैदान में हैं, जिससे त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना है.
जमशेदपुर और हजारीबाग में रैली और रोड शो का कार्यक्रम
राहुल गांधी का झारखंड में चुनाव प्रचार 9 नवंबर को जमशेदपुर में रोड शो के साथ जारी रहेगा. जमशेदपुर पूर्वी सीट से कांग्रेस ने डॉ. अजय कुमार को टिकट दिया है, जिनका मुकाबला भाजपा की पूर्णिमा साहू से है. इसके बाद राहुल गांधी हजारीबाग के चौपारण में भी कांग्रेस प्रत्याशी अरुण साहू के पक्ष में रैली करेंगे.
लोहरदगा में उरांव की प्रतिष्ठा दांव पर
लोहरदगा विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है, और यहां पर कांग्रेस नेता और मंत्री रामेश्वर उरांव की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. राज्य गठन के बाद से इस सीट पर कांग्रेस ने तीन बार जीत दर्ज की है, और आजसू पार्टी के कमल किशोर भगत की पत्नी नीरू शांति भगत कांग्रेस के सामने चुनाव लड़ रही हैं.
चुनावी समीकरण और झारखंड का राजनीतिक महत्व
झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव का महत्व राष्ट्रीय राजनीति में भी देखा जा रहा है. राहुल गांधी ने झारखंड में कांग्रेस की सत्ता में वापसी का दावा किया और कहा कि उनकी पार्टी समाज के हर वर्ग के अधिकारों के लिए लड़ती रहेगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस झारखंड में आदिवासियों, दलितों, और पिछड़ों के अधिकारों की रक्षा करेगी, और उनकी सरकार बनने पर सभी वादों को पूरा करेगी.