रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के हालिया बयान को राज्य की सामाजिक एकता और सद्भाव पर सीधा हमला बताया है। पार्टी के केंद्रीय सदस्य तनुज खत्री ने दुमका में दिए गए रघुवर दास के उस बयान की कड़ी निंदा की है, जिसमें उन्होंने झारखंड को ‘ईसाई प्रदेश’ और ‘इस्लामी प्रदेश’ बनाए जाने की साजिश का आरोप लगाया था।
तनुज खत्री ने कहा, “रघुवर दास का यह बयान न सिर्फ़ भ्रामक है, बल्कि यह झारखंड की सदियों पुरानी सामाजिक समरसता और धर्मनिरपेक्षता की भावना पर चोट है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक पूर्व मुख्यमंत्री समाज को बांटने, भय फैलाने और सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए इस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं।”
उन्होंने रघुवर दास के कार्यकाल को भी कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि उनके शासन में आदिवासियों और मूलवासियों के हितों की अनदेखी की गई थी। “रघुवर दास के नेतृत्व वाली सरकार ने CNT-SPT कानूनों से खिलवाड़ किया, आदिवासियों की जमीनें उद्योगपतियों को देने की कोशिश की, निर्दोष आदिवासियों का एनकाउंटर हुआ और आंदोलनकारियों पर देशद्रोह के मुकदमे दर्ज किए गए। पत्थलगड़ी जैसी पारंपरिक व्यवस्थाओं को कुचला गया। अब वही नेता आदिवासियों के हितैषी बनने का ढोंग कर रहे हैं,” खत्री ने कहा।
झामुमो नेता ने मौजूदा हेमंत सोरेन सरकार की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार राज्य की संवैधानिक भावना, लोकतंत्र, सामाजिक न्याय और आदिवासी अस्मिता को मज़बूती से आगे बढ़ा रही है। “सरना कोड की मांग, स्थानीय नीति, छात्रवृत्तियां और रोजगार सृजन की योजनाएं यह साबित करती हैं कि यह सरकार झारखंड के मूलवासी-आदिवासी हितों के लिए प्रतिबद्ध है।”
तनुज खत्री ने स्पष्ट किया कि झारखंड की जागरूक जनता धार्मिक ध्रुवीकरण और नफरत की राजनीति को नकारती रही है और आगे भी नकारेगी। उन्होंने रघुवर दास जैसे नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि “इस धरती पर नफरत की राजनीति नहीं चलेगी, यहां भाईचारे, एकता और न्याय की परंपरा को ही स्वीकार किया जाएगा।”