JSSC CGL परीक्षा में सवाल रिपीट, अभ्यर्थियों ने की परीक्षा रद्द करने की मांग….

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा 21 और 22 सितंबर को आयोजित झारखंड सामान्य स्नातक स्तर प्रतियोगिता परीक्षा (CGL) एक बार फिर विवादों में आ गई है. आरोप लग रहे हैं कि इस परीक्षा में पूछे गए सवाल पहले हुई परीक्षाओं से रिपीट किए गए थे. झारखंड यूथ एसोसिएशन के संयोजक इमाम सफी ने दावा किया है कि 22 सितंबर को हुए पेपर 3 में सभी 60 सवाल पहले की परीक्षाओं से लिए गए थे. ये सवाल गणित, रीजनिंग और कंप्यूटर विषयों से संबंधित थे. सफी ने कहा कि गणित विषय के सभी 20 प्रश्न SSC CGL 2022 से लिए गए थे, जबकि रीजनिंग के 20 सवाल SSC CGL 2019 से हूबहू उतारे गए थे. कंप्यूटर विषय के सभी सवाल IBPS-RRC 2023 से रिपीट किए गए थे. उन्होंने कहा कि यह अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, और इस परीक्षा को रद्द कर फिर से आयोजित किया जाना चाहिए ताकि अभ्यर्थियों को न्याय मिल सके. इस परीक्षा में 6 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन 50 प्रतिशत से अधिक अभ्यर्थी परीक्षा में अनुपस्थित रहे. पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने भी इस परीक्षा पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि प्रश्नों के उत्तर पहले से ही तैयार थे. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी चिंताओं को व्यक्त किया है.

2 अक्टूबर से अनशन की धमकी

झारखंड यूथ एसोसिएशन के संयोजक इमाम सफी ने यह भी कहा कि यदि आयोग ने परीक्षा रद्द नहीं की, तो वे 2 अक्टूबर से बापू वाटिका, मोरहाबादी में अनशन करेंगे. उन्होंने कहा कि आयोग परीक्षा को पारदर्शी ढंग से आयोजित करने में विफल रहा है और अब अनशन के अलावा कोई विकल्प नहीं है.

इस माह के अंत में आ सकती है आंसर-की

परीक्षा के बाद, आयोग इस माह के अंत तक आंसर-की जारी करने की तैयारी कर रहा है. यह परीक्षा राज्य में सामान्य स्तर के 2000 से अधिक पदों पर नियुक्ति के लिए आयोजित की गई थी. लंबे समय से इस परीक्षा का प्रोसेस चल रहा है और अभ्यर्थी नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

पहले भी रद्द हुई थी CGL परीक्षा

गौरतलब है कि JSSC ने इसी साल 28 जनवरी को भी CGL परीक्षा आयोजित की थी, लेकिन पेपर लीक होने के कारण इसे रद्द कर दिया गया था. 4 फरवरी को होने वाली परीक्षा भी अभ्यर्थियों के विरोध प्रदर्शन के कारण स्थगित कर दी गई थी. उस समय JSSC के चेयरमैन नीरज सिन्हा ने इस्तीफा दे दिया था. अभ्यर्थी इस बार भी परीक्षा को लेकर नाराज हैं और चाहते हैं कि आयोग निष्पक्षता से परीक्षा आयोजित करे. उन्होंने आयोग पर आरोप लगाया है कि वह परीक्षा को सही तरीके से आयोजित करने में बार-बार विफल हो रहा है, जिससे उनका भविष्य प्रभावित हो रहा है.

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