जन शिकायत समाधान कार्यक्रम: पुलिस विभाग ने राज्यभर में 74 केंद्रों पर शुरू किया कार्यक्रम, 21 जिलों में शिकायतें दर्ज…..

राज्य में पुलिस विभाग ने मंगलवार को जन शिकायत समाधान कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसमें कुल 21 जिलों में 74 केंद्रों पर शिविर लगाए गए. रांची जिले में एक दर्जन थानों में शिविर आयोजित किए गए, जहां 824 शिकायतें दर्ज की गईं, जबकि राज्यभर में कुल 6396 शिकायतें आईं. रांची के शिविरों में घरेलू हिंसा और जमीन विवाद से जुड़े सबसे अधिक मामले सामने आए. कई लोगों ने पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए.

रांची के विभिन्न केंद्रों पर शिकायतों की स्थिति

रांची जिले में 10 केंद्रों पर लगे शिविरों में 64 आवेदन प्राप्त हुए। इसमें सदर थाना क्षेत्र से 26, मेसरा ओपी से 23, और खेलगांव क्षेत्र से 15 शिकायतें दर्ज की गईं. सभी आवेदकों को मौके पर ही पावती रसीद और जांच पदाधिकारियों के नाम और मोबाइल नंबर दिए गए. शिविर में बड़गाई सीओ शिवशंकर पांडेय, सदर डीएसपी संजीव बेसरा की मौजूदगी में तीन रजिस्टर भी बनाए गए और सभी मामलों को सूचीबद्ध किया गया. न्यू पुलिस केंद्र में 294 शिकायतें दर्ज की गईं जिनमें से 17 केस के रूप में दर्ज हुए. अनुमंडल कार्यालय बुंडू में 80 शिकायतें आईं पर कोई केस दर्ज नहीं हुआ. नामकुम थाना में 50 शिकायतें दर्ज हुईं जिनमें से 3 केस के रूप में दर्ज की गईं. प्रखंड कार्यालय अनगड़ा में 65 शिकायतें दर्ज की गईं जिनमें 3 केस के रूप में दर्ज हुए. इसी प्रकार, प्रखंड कार्यालय खलारी में 80 शिकायतें आईं जिनमें 5 केस बने. मांडर थाना में 107 शिकायतें दर्ज की गईं जिनमें से 4 केस दर्ज हुए. प्रखंड कार्यालय रातू में 31 शिकायतें दर्ज की गईं और 1 केस के रूप में दर्ज हुआ. बेड थाना में 26 शिकायतें आईं, पर कोई केस दर्ज नहीं हुआ. डोरंडा थाना में 27 शिकायतें दर्ज की गईं लेकिन कोई केस नहीं बना. खेलगांव थाना में 64 शिकायतें दर्ज की गईं जिनमें से 2 केस बने.

सबसे ज्यादा शिकायतें गिरिडीह और धनबाद में दर्ज, देवघर में सबसे कम

गिरिडीह जिले में सबसे ज्यादा 1100 शिकायतें दर्ज की गईं, जबकि देवघर में सबसे कम 38 शिकायतें आईं. धनबाद जिले में 1686 शिकायतें दर्ज की गईं जिनमें से 145 मामले केस के रूप में दर्ज हुए. खूंटी जिले में भी 145 शिकायतें दर्ज की गईं.

शिकायतों का प्रकार और विभागीय कार्रवाई

इस कार्यक्रम के तहत जमीन विवाद और घरेलू हिंसा से जुड़ी शिकायतें सबसे ज्यादा आईं. जमीन विवाद के मामलों में खरीद-बिक्री, अवैध कब्जा, और पारिवारिक बंटवारे में हकमारी की शिकायतें प्रमुख रहीं. घरेलू हिंसा से संबंधित मामलों में पारिवारिक विवाद, सेवा और देखरेख में अनदेखी की शिकायतें ज्यादा दर्ज की गईं. कार्यक्रम में आईजी मनोज कौशिक, डीसी राहुल सिन्हा, एसएसपी चंदन सिन्हा, कोतवाली डीएसपी प्रकाश सोय और सिटी डीएसपी रमण आदि मौजूद थे. उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि घरेलू हिंसा की शिकायतों को गंभीरता से लें और अगर थानेदार शिकायत दर्ज नहीं करते हैं तो उन्हें निलंबित कर दिया जाएगा. कांके रोड स्थित पुलिस लाइन में आयोजित कैंप में आईजी ने फरियादियों की शिकायतें सुनी और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया.

राज्यभर में 21 जिलों में एक साथ शुरू हुआ कार्यक्रम

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर डीजीपी अनुराग गुप्ता ने इस कार्यक्रम को लागू करने के आदेश दिए थे. जन शिकायत समाधान कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अपराध, अपराधियों से जुड़े मामले, महिलाओं के विरुद्ध अपराध, और घरेलू विवाद के मामलों की सुनवाई करना है. पुलिस विभाग ने तय समय सीमा के अंदर सभी शिकायतों की सुनवाई कर रिपोर्ट देने की बात कही है. इस कार्यक्रम के माध्यम से पुलिस विभाग जनता के साथ संवाद स्थापित करने और उनकी समस्याओं को सुनने के प्रयास कर रहा है. राज्यभर में एक साथ शुरू हुए इस कार्यक्रम से यह उम्मीद की जा रही है कि लोगों की शिकायतों का जल्द से जल्द निपटारा होगा और उन्हें न्याय मिलेगा. पुलिस विभाग की यह पहल न केवल लोगों के विश्वास को बढ़ाने का काम करेगी बल्कि समाज में शांति और व्यवस्था बनाए रखने में भी सहायक सिद्ध होगी.

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