Jharkhand: कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार कोल सेक्टर में निजी निवेश को बढ़ावा देने का रोडमैप तैयार कर काम शुरू कर चुकी है। चालू वित्तीय वर्ष में 50 हजार 118.61 करोड़ का निवेश निजी क्षेत्र से होने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत निजी कंपनियों को कोयला खदानें दी जा रही हैं। कोल इंडिया एवं अनुषंगी कंपनियों को आवंटित खदानों में भी निजी कंपनियों से 16,500 करोड़ रुपए तक निवेश का अनुमान है। यह निवेश एसेट मोनेटाइजेशन, एमडीओ आदि के रूप में होने वाला है|
25 कोयला खदानों का आवंटन कॉमर्शियल माइनिंग होगा ….
कोयला मंत्रालय की ओर से वित्तीय वर्ष 2023-24 के रोडमैप में एसेट मोनेटाइजेशन प्लान में इस बात की जानकारी दी गई है। बात कॉमर्शियल माइनिंग की करें तो वित्तीय वर्ष 2022-23 में कॉमर्शियल माइनिंग के लिए 23 कोल ब्लॉक के लिए करार हुआ। इन कोल ब्लॉक की क्षमता 33.224 मिलियन टन प्रति वर्ष है। इनसे 4700.80 करोड़ रुपए प्रति वर्ष राजस्व मिलने की उम्मीद है। 2023-24 में 25 कोयला खदानों का आवंटन कॉमर्शियल माइनिंग के लिए होने की उम्मीद है। यानी पिछले वित्तीय वर्ष से ज्यादा का निजी निवेश कॉमर्शियल माइनिंग अगला लिए होगा।
कोयला खदानों से निकलने वाले पानी से होगी सिंचाई…
कोयला खनन के चलते हो रहे प्रदूषण को लेकर कोल इंडिया ने एक नई पहल की शुरुआत की है। प्रदूषण की रोकथाम के लिए कोल इंडिया अब पेयजल और सिंचाई जैसे सामुदायिक कार्यों में तेजी लाएगी| कोयला खदानों से निकलने वाले पानी का उपयोग ज्यादा से ज्यादा सिंचाई के लिए किया जाएगा। इसे लेकर सभी कोयला कंपनियों को प्राथमिकता के आधार पर काम करने के लिए कहा गया है। साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी इस संबंध में सुझाव मांगे गए हैं। कोल इंडिया लिमिटेड सरकार के जल शक्ति अभियान के तहत जल संरक्षण कर रही है। बीसीसीएल में इसका उपयोग तेजी से हो रहा है। बताया जाता है कि कोल इंडिया लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2022-23 में दिसंबर तक 16 सौ हेक्टेयर में से 1510 हेक्टेयर पर पौधरोपण का लक्ष्य भी पार कर लिया है।
20 बंद भूमिगत खदानों को चलाएंगे निजी कंपनियों….
एसेट मोनेटाइजेशन की सूची में बीसीसीएल प्रमुखता से शामिल है। कोल इंडिया ने जिन 20 बंद भूमिगत खदानों को निजी कंपनियों को चलाने के लिए देने की योजना उनमें पांच बीसीसीएल की हैं। इसके अलावा बीसीसीएल अपनी सभी पुरानी वाशरियों को एसेट मोनेटाइजेशन के तहत शर्तों के साथ निजी कंपनियों को देने वाली है। एक बंद भूमिगत खदान सालानपुर निजी कंपनी को दे भी दी गई है|
9 प्रतिशत राजस्व में हिस्सेदारी….
धनबाद के कतरास क्षेत्र स्थित सालानपुर -एजीकेसी कोयला खदान के लिए 9 प्रतिशत राजस्व हिस्सेदारी की दर पर 25 वर्षों की अवधि के लिए मैसर्स आरके ट्रांसपोर्ट कंपनी को दी गई है। दो और खदानों को इसी तर्ज पर निजी कंपनी को देने के लिए बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। इनमें पुटकी बलिहारी क्षेत्र की पीबी प्रोजेक्ट कोलियरी में 2.7 मिलियन टन वार्षिक क्षमता के साथ 25 साल की निर्धारित अवधि में कुल 52 मिलियन ट कोकिंग कोयले का उत्पादन होगा। इसी प्रकार मैसर्स वेंसर कंस्ट्रक्शंस कंपनी लिमिटेड को सिजुआ क्षेत्र में लोयाबाद खदान के लिए 25 साल की अवधि के लिए 7.29 प्रतिशत राजस्व हिस्सेदारी की दर पर दिया जाना है।