दुबई से गैंग चला रहा प्रिंस खान: वासेपुर गैंगस्टर पर झारखंड ATS की नजर

धनबाद | झारखंड एटीएस (ATS) ने हाल ही में इंटरपोल की मदद से कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह को अजरबैजान से रांची लाकर बड़ी कामयाबी हासिल की। यह राज्य पुलिस के इतिहास में पहली बार था जब किसी अपराधी को विदेशी धरती से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया। अब पुलिस की निगाहें धनबाद के वासेपुर के कुख्यात गैंगस्टर प्रिंस खान पर टिक गई हैं, जो बीते कई सालों से दुबई में छिपकर गैंग ऑपरेट कर रहा है।

दुबई से चलाता है रंगदारी का खेल

प्रिंस खान दुबई में बैठकर फोन और इंटरनेट कॉल्स के जरिये धनबाद और आसपास के जिलों के व्यापारियों, ठेकेदारों और नेताओं से रंगदारी वसूलता है।

  • मांगे पूरी न होने पर उसके गुर्गे फायरिंग और हमला कर दहशत फैलाते हैं।
  • पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, प्रिंस खान पर अब तक 54 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
  • इनमें रंगदारी, हत्या की कोशिश, अवैध हथियार, धमकी और फायरिंग जैसे संगीन मामले शामिल हैं।
  • आधा दर्जन मामलों में पुलिस कुर्की-इश्तेहार की कार्रवाई भी कर चुकी है, लेकिन वह अब तक गिरफ्त से बाहर है।

मयंक की गिरफ्तारी ने दिया हौसला

अजरबैजान से मयंक सिंह की गिरफ्तारी के बाद पुलिस और एटीएस का मानना है कि अब प्रिंस खान को भी दुबई से प्रत्यर्पित किया जा सकता है।

  • इसके लिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की तैयारी की जा रही है।
  • इंटरपोल का नोटिस जारी होते ही दुबई पुलिस प्रिंस को पकड़कर भारतीय एजेंसियों को सौंप सकती है।
  • गृह मंत्रालय को पत्र भेजा जा चुका है और कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने पर प्रत्यर्पण आसान हो जाएगा।

व्यवसायी और ठेकेदारों की मांग

धनबाद के व्यवसायिक संगठनों का कहना है:

“जैसे मयंक सिंह को पकड़कर लाया गया, वैसे ही प्रिंस खान को भी भारत लाना जरूरी है। जब तक वह दुबई में सुरक्षित बैठा है, तब तक गिरोह की गतिविधियां खत्म नहीं होंगी।”

पुलिस का सख्त संदेश

धनबाद पुलिस अधिकारियों ने कहा कि झारखंड सरकार की नीति साफ है:

“चाहे अपराधी देश में हो या विदेश में, उसे पकड़कर सजा दिलाना है।”

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