मुस्लिम धर्मावलंबी रमजान के पवित्र महीने की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। आज रमजान महीना का चांद दिखने की पूरी उम्मीद है। यदि चांद दिखता है, तो रविवार से रोजा शुरू हो जाएगा। वहीं आज शनिवार को चांद नहीं दिखा, तो सोमवार से रोजे का उपवास प्रारंभ होगा। रोजा पूरे एक महीना तक चलेगा। आस्था, निष्ठा और पवित्रा का यह पर्व काफी महत्वपूर्ण होता है। रमजान को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। तरावीह को लेकर विशेष तैयारियां की जा रही है। शहर के सभी मस्जिदों में तरावीह होगी। उसके अलावा 25 से 30 अन्य स्थानों पर भी इसका आयोजन होगा। इफ्तार और सेहरी को लेकर बाजार में फलों की दुकानें सजने लगी है। इस बार रमजान का पूरा महीना भीषण गर्मी में बीतेगा। गर्मी को देखते हुए खान-पान का विशेष रूप से ध्यान रखा जा रहा है।
चौदह से पंद्रह घंटे का निर्जला उपवास काफी मुश्किल भरा है। लेकिन उसके बाद भी लोगों में उल्लास है। रमजान का महीना रहमतों और बरकतों का होता है। यही कारण है कि मुस्लिम धर्मावलंबी पूरा महीना इबादत में गुजारते हैं। पंच वक्ता नमाज के साथ-साथ कसरत से कुरान का तिलावत करते हैं। रमजान का यह महीना तीन भागों में बंटा होता है। अर्थात यह कि एक से लेकर दस दिनों तक रहमत का अशरा होता है, तो ग्यारह से लेकर बीस तक बरकत का और इक्कीस से लेकर तीस तक मगफिरत का अशरा होता है। रमजान में इबादत का काफी महत्व होता है। यही कारण है कि लोग इबादत के साथ-साथ जकात भी निकालते हैं। जकात का अर्थ होता है जमा पूंजी का दो या ढाई प्रतिशत गरीबों में दान करना।