झारखंड में 20 हजार बेरोजगार युवक-युवतियों को रोजगार मिलने का इंतजार जल्द खत्म होने वाला है. श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग द्वारा एक भव्य कार्यक्रम की तैयारी की गई है, जिसमें इन बेरोजगारों को रोजगार प्रदान किया जाएगा. यह कार्यक्रम राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित किया जाएगा, जहाँ कौशल एवं रोजगार मेले का भी आयोजन होगा. इस मेले के माध्यम से निजी क्षेत्र की विभिन्न कंपनियों में इन बेरोजगार युवक-युवतियों को नौकरी दी जाएगी.
कार्यक्रम की तिथि अब तक तय नहीं
हालांकि, कार्यक्रम की तिथि अब तक निर्धारित नहीं हो पाई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की व्यस्तता इस देरी का मुख्य कारण मानी जा रही है. कार्यक्रम की तिथि तब तय होगी जब मुख्यमंत्री की उपलब्धता सुनिश्चित हो जाएगी, क्योंकि इस आयोजन में मुख्यमंत्री के हाथों बेरोजगारों को नियुक्ति पत्र दिए जाने की योजना है.
मार्च में की गई थी घोषणा
श्रम, नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने छह मार्च 2024 को घोषणा की थी कि राज्य में एक बड़े कौशल एवं रोजगार मेले का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 20 हजार युवाओं को रोजगार दिया जाएगा. उनकी योजना थी कि यह कार्यक्रम जून माह तक आयोजित कर लिया जाए, लेकिन लोकसभा चुनावों और अन्य राजनीतिक कारणों के चलते इस कार्यक्रम में देरी होती चली गई.
विभाग की तैयारियाँ पूरी, मुख्यमंत्री की स्वीकृति का इंतजार
मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने जानकारी दी है कि कार्यक्रम की सभी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं। श्रम विभाग की ओर से सभी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दे दिया गया है. अब केवल मुख्यमंत्री की व्यस्तता के कारण कार्यक्रम की तिथि तय नहीं हो पा रही है. उम्मीद की जा रही है कि इस माह के अंत तक तिथि निर्धारित हो जाएगी और बेरोजगार युवाओं को रोजगार का यह सुनहरा अवसर प्रदान किया जाएगा.
निजी क्षेत्र में मिलेगा रोजगार
इस रोजगार मेले के दौरान, युवाओं को निजी क्षेत्र की विभिन्न कंपनियों में नौकरी दी जाएगी. विभिन्न निजी कंपनियों ने इस आयोजन में भाग लेने की इच्छा जताई है और वे योग्य युवाओं को नौकरी देने के लिए तैयार हैं. यह मेला राज्य के बेरोजगार युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर साबित होगा, क्योंकि वे अपनी योग्यता और कौशल के आधार पर निजी कंपनियों में नौकरी प्राप्त कर सकेंगे.
12 हजार से अधिक युवाओं को मिलेगी डीबीटी से सहायता
इस कार्यक्रम के दौरान न सिर्फ नौकरी के अवसर प्रदान किए जाएंगे, बल्कि विभिन्न सरकारी योजनाओं से जुड़े 12 हजार से अधिक युवाओं को डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से आर्थिक सहायता भी दी जाएगी. करीब 9 करोड़ रुपये की राशि डीबीटी के जरिए इन युवाओं के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी. मंत्री भोक्ता ने बताया कि ये राशि उन युवाओं को दी जाएगी जो सरकारी योजनाओं के तहत पात्र हैं और जिन्हें आर्थिक सहायता की जरूरत है.
राजनीतिक अस्थिरता से भी कार्यक्रम में देरी
मुख्यमंत्री की व्यस्तता के अलावा, राज्य में राजनीतिक अस्थिरता और लोकसभा चुनावों के बाद की राजनीतिक उठापटक भी इस कार्यक्रम की देरी का एक कारण रही है. प्रदेश में चुनावों के बाद से लगातार राजनीतिक गतिविधियाँ तेज रही हैं, जिसकी वजह से कई महत्वपूर्ण सरकारी कार्यक्रम समय पर नहीं हो सके. इस कारण यह रोजगार मेला भी समय पर आयोजित नहीं हो पाया.
कौशल विकास और रोजगार का अवसर
यह रोजगार मेला उन बेरोजगार युवाओं के लिए एक बड़ी उम्मीद है, जो लंबे समय से नौकरी की तलाश में हैं. राज्य सरकार की यह योजना युवाओं को न केवल रोजगार प्रदान करने की दिशा में है, बल्कि उनके कौशल विकास को भी ध्यान में रखती है. इस मेले के जरिए युवाओं को निजी कंपनियों में नौकरी प्राप्त करने का मौका मिलेगा, जो उनके करियर को एक नई दिशा दे सकता है.
सरकारी और निजी क्षेत्र के समन्वय से होगा आयोजन
श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विभाग ने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए व्यापक तैयारियाँ की हैं. इसके तहत निजी कंपनियों से संपर्क कर उन्हें युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रेरित किया गया है. इसके अलावा, विभिन्न योजनाओं के तहत युवाओं को डीबीटी के जरिए आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी. यह कार्यक्रम सरकारी और निजी क्षेत्र के समन्वय से आयोजित किया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को इसका लाभ मिल सके.
आयोजन स्थल और सुरक्षा व्यवस्थाएँ
रोजगार मेला राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित किया जाएगा, जहाँ हजारों युवाओं के शामिल होने की उम्मीद है. इसके लिए सुरक्षा और प्रबंधन की सभी तैयारियाँ कर ली गई हैं. आयोजन स्थल पर कंपनियों और युवाओं के बीच साक्षात्कार और चयन प्रक्रिया को सुगमता से संचालित करने के लिए सभी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जा रही हैं.