झारखंड में पुलिस अधिकारियों के तबादलों को लेकर एक बार फिर से बड़े पैमाने पर फेरबदल की तैयारी की जा रही है. हाल ही में दारोगा और इंस्पेक्टर स्तर के 84 अधिकारियों के तबादले किए गए थे. अब डीएसपी (डिप्टी सुपरीटेंडेंट ऑफ पुलिस) और एसपी (सुपरीटेंडेंट ऑफ पुलिस) स्तर के अधिकारियों की बारी है. यह फेरबदल राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के आलोक में किया जा रहा है.
फेरबदल की जरूरत और कारण
भारत निर्वाचन आयोग ने आदेश दिया है कि एक ही स्थान पर तीन साल या उससे अधिक समय से पदस्थापित या अपने गृह जिले में पदस्थ अधिकारियों का तबादला किया जाए. यह निर्देश चुनाव प्रक्रिया के दौरान निष्पक्षता और प्रशासनिक दक्षता को सुनिश्चित करने के लिए दिया गया है. इसके अतिरिक्त, पुलिस मुख्यालय भी जिलावार विधि-व्यवस्था, अपराध और नक्सल मुद्दों के संदर्भ में आकलन कर रहा है. जहां अपराध के आंकड़े अधिक हैं और निष्पादन तथा खुलासे का प्रतिशत कम है, वहां के जिलों के कप्तानों के तबादले का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जाएगा.
डीएसपी और एसपी स्तर के तबादले
डीएसपी और एसपी स्तर पर फेरबदल की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस समय डीएसपी स्तर के अधिकारियों की सूची तैयार की जा रही है. यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि नए अधिकारियों की नियुक्ति ऐसे क्षेत्रों में की जाए, जहां की स्थिति को सुधारने की आवश्यकता हो.
आइपीएस अधिकारियों की पदोन्नति और सेवानिवृत्ति
झारखंड कैडर के 2011 बैच के छह आइपीएस अधिकारी 1 जनवरी 2025 से डीआईजी (डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल) के पद पर पदोन्नत हो जाएंगे. इन अधिकारियों में रांची के एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा, विशेष शाखा के एसपी चंदन कुमार झा, एसटीएफ के एसपी प्रियदर्शी आलोक, देवघर के एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग, सीआईडी के एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा और जैप-3 के कमांडेंट अंबर लकड़ा शामिल हैं. राज्य सरकार को अधिकार है कि इन अधिकारियों को वर्तमान में कहीं भी प्रभारी डीआईजी के रूप में नियुक्त कर सकती है. इसके अलावा, झारखंड कैडर के 1988 बैच के आइपीएस अधिकारी एसएन प्रधान इस माह के अंत में सेवानिवृत्त हो जाएंगे. वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डीजी (डायरेक्टर जनरल) के पद पर कार्यरत हैं. 31 अगस्त को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद झारखंड पुलिस उन्हें विदाई देगी. वहीं, 1989 बैच के आइपीएस अधिकारी अजय भटनागर भी इसी वर्ष नवंबर में सेवानिवृत्त होंगे. वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) में संयुक्त निदेशक के पद पर कार्यरत हैं.
फेरबदल के प्रभाव
डीएसपी और एसपी स्तर पर होने वाले इस फेरबदल का मुख्य उद्देश्य पुलिस प्रशासन की कार्यक्षमता को बढ़ाना और अपराध की दर में सुधार करना है. चुनाव के दौरान प्रशासनिक दक्षता और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है. नए अधिकारियों की नियुक्ति से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पुलिस बल हर जिले में बेहतर तरीके से काम कर सके और चुनाव प्रक्रिया को निर्बाध रूप से संचालित किया जा सके. इसके अलावा, सेवानिवृत्त हो रहे अधिकारियों की विदाई और नए अधिकारियों की नियुक्ति के साथ ही पुलिस बल में नए उत्साह और ऊर्जा का संचार होगा, जो राज्य के समग्र पुलिस प्रशासन के लिए लाभकारी साबित होगा.