स्वास्थ्य विभाग अब झारखंड के जिलों में भी दंत रोगों के विशेषज्ञ उपचार उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है. इसके तहत सभी जिलों के सदर अस्पतालों में विशेषज्ञ दंत चिकित्सकों के पद सृजित करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. यह पहल झारखंड के चिकित्सा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है, क्योंकि इसके माध्यम से राज्य के नागरिकों को दांतों के इलाज के लिए विशेषज्ञों की सेवाएं अपने ही जिले में उपलब्ध हो सकेंगी.
रांची और अन्य जिलों में पद सृजन
स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाई गई योजना के तहत रांची स्थित 500 बेड वाले सदर अस्पताल में विशेषज्ञ दंत चिकित्सकों के चार पद सृजित किए जाएंगे, जबकि अन्य जिलों के सदर अस्पतालों में एक-एक पद सृजित किया जाएगा. यह कदम राज्य के अन्य अस्पतालों में विशेषज्ञ दंत चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण होगा. इसके अलावा, जिलों में कार्यरत जिला दंत चिकित्सा और जिला वरीय दंत चिकित्सकों के लिए प्रोन्नति के पद भी सृजित किए जाएंगे, ताकि वे अपने कार्यों में और अधिक जिम्मेदारी और विशेषज्ञता के साथ काम कर सकें.
विशेषज्ञ दंत चिकित्सकों के पद की कमी
राज्य में फिलहाल विशेषज्ञ दंत चिकित्सकों के एक भी पद सृजित नहीं हैं, जो कि दंत चिकित्सा के क्षेत्र में एक बड़ी कमी है. वर्तमान में राज्य में दो प्रकार के दंत चिकित्सक कार्यरत हैं – जिला दंत चिकित्सक और जिला वरीय दंत चिकित्सक. लेकिन इन पदों के लिए जिन विशेषज्ञों की आवश्यकता होती है, उनका अभाव महसूस किया जा रहा है. राज्य के सबसे बड़े और प्रमुख संस्थान, रांची के रिम्स (राजेंद्र इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) में विशेषज्ञ दंत चिकित्सा की व्यवस्था तो बेहतर है, लेकिन राज्य के अन्य अस्पतालों में यह सुविधा नहीं है.
बिहार में बेहतर स्थिति
इसके विपरीत, राज्य के पड़ोसी राज्य बिहार में दंत चिकित्सकों के लिए 1540 पद सृजित किए गए हैं. बिहार में दंत चिकित्सा की स्थिति झारखंड से कहीं बेहतर है, और वहां के चिकित्सकों को चार डीसीपी (डेंटल काउंसलिंग प्रोग्राम) का लाभ भी मिल चुका है. झारखंड में विशेषज्ञ दंत चिकित्सकों के एक भी पद न होने के कारण राज्य के नागरिकों को इस महत्वपूर्ण चिकित्सा सुविधा के लिए रिम्स और अन्य बड़े अस्पतालों का रुख करना पड़ता है, जो कि समय और धन दोनों की दृष्टि से कठिनाई पैदा करता है.
स्वास्थ्य मंत्री की पहल
स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कहा है कि राज्य में दंत चिकित्सकों से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा. उन्होंने निजी दंत चिकित्सकों से भी अपील की है कि वे सरकार में सेवा देने के लिए आगे आएं और राज्य की चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर बनाने में अपना योगदान दें. उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार दंत चिकित्सकों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने देगी और उन्हें सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराएगी.
चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में कदम
स्वास्थ्य विभाग के इस प्रस्ताव के लागू होने के बाद राज्य के नागरिकों को अपने ही जिले में दांतों के विशेषज्ञ उपचार की सुविधा मिल सकेगी, जिससे उन्हें रिम्स और अन्य दूर-दराज के अस्पतालों का रुख करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. यह कदम राज्य में चिकित्सा सेवाओं को और भी सुलभ और प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा. इसके साथ ही, यह झारखंड में दंत चिकित्सा के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत करेगा, जिससे लोगों को बेहतर उपचार मिल सकेगा.