देवघर: देवघर जिले के करौं थाना क्षेत्र के नगादरी गांव में संदिग्ध साइबर अपराधियों को पकड़ने गई पुलिस टीम पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। इस दौरान करौं थाना प्रभारी विपिन कुमार और एक जवान को बंधक बना लिया गया। करीब चार घंटे तक वे ग्रामीणों के कब्जे में रहे। घटना की सूचना मिलने पर वरीय पुलिस पदाधिकारियों के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पुलिस बल गांव पहुंचा। पहले पुलिस ने दोनों संदिग्धों को छोड़ा, जिसके बाद ग्रामीणों ने थाना प्रभारी और जवान को मुक्त किया।
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सादे लिबास में पहुंची थी पुलिस टीम
देवघर साइबर थाना की पुलिस टीम करौं पुलिस के सहयोग से नगादरी गांव में छापेमारी कर रही थी। पुलिस टीम सादे लिबास में अलग-अलग बाइकों से गांव पहुंची थी। पुलिस ने हाफिज अंसारी और उसके भाई को हिरासत में लेकर कुछ दूर खड़े पुलिस वाहन में बैठा दिया। जब पुलिस तीसरे युवक को पकड़ने का प्रयास कर रही थी, तभी ग्रामीणों और महिलाओं के साथ विवाद हो गया।
धक्का-मुक्की में बिगड़ा माहौल
गिरफ्तारी के दौरान दोनों पक्षों में धक्का-मुक्की होने लगी। इसी दौरान इदरिश मौलाना उर्फ भुखू अंसारी की बीमार पत्नी को धक्का लग गया, जिससे वह गिरकर बेहोश हो गई। इस घटना से ग्रामीण आक्रोशित हो गए और पुलिस टीम से उलझ पड़े।
थाना प्रभारी और जवान को डीलर के घर में किया बंद
ग्रामीणों ने करौं थाना प्रभारी विपिन कुमार और एक जवान को पकड़कर एक डीलर के घर में बंद कर दिया, जबकि साइबर थाना की पुलिस और अन्य अधिकारी वहां से बचकर निकलने में सफल रहे। घटना की सूचना मिलने के बाद करौं थाना की पुलिस के साथ मधुपुर एसडीपीओ सत्येंद्र प्रसाद, मधुपुर थाना प्रभारी त्रिलोचन तामसोय, पाथरोल थाना प्रभारी दिलीप विलुंग, मारगोमुंडा थाना प्रभारी समेत चार थानों से अतिरिक्त पुलिस बल गांव पहुंचा।
पुलिस ने दोनों संदिग्धों को छोड़ा
ग्रामीणों को शांत करने के लिए पुलिस ने हाफिज अंसारी और उसके भाई को छोड़ दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने थाना प्रभारी और जवान को मुक्त कर दिया। घटना के बाद पुलिस अधिकारी और जवान गांव से सुरक्षित बाहर निकले।
ग्रामीणों का आरोप, पुलिस करती है परेशान
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि साइबर अपराध के नाम पर पुलिस उन्हें बार-बार परेशान करती है। इस मामले में एसडीपीओ सत्येंद्र प्रसाद और करौं थाना प्रभारी विपिन कुमार से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने फिलहाल कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।