प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 111वें संस्करण में झारखंड की एक महिला उद्यमी प्रेरणा मिश्रा का विशेष रूप से उल्लेख किया. इस दौरान, प्रधानमंत्री ने लोकसभा चुनाव में जीत के बाद पहली बार इस कार्यक्रम को संबोधित किया. उन्होंने गोड्डा जिले के पोड़ैयाहाट प्रखंड के डांडे गांव में 28 वर्षीय प्रेरणा मिश्रा के व्यवसाय और उसकी सफलता की कहानी साझा की.
प्रेरणा का व्यापार, परंपरा और नवाचार का संगम
प्रेरणा मिश्रा अपने गांव डांडे में एक महिला समूह बनाकर स्टार्टअप के तहत ई-कॉमर्स व्यवसाय कर रही हैं. वह परंपरागत तरीके से ढेकी और जाता में पिस कर तैयार सत्तू मसाला, चावल के उत्पाद को पैकेट कर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स जैसे आमेज़न और फ्लिपकार्ट के माध्यम से बेचती हैं. प्रेरणा ने अपने इस व्यवसाय को स्थानीय स्तर से उठाकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाया है, जिससे न केवल उनकी बल्कि उनके गांव की महिलाओं की भी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है.
प्रधानमंत्री तक पहुँची प्रेरणा की मेहनत की कहानी
लगातार तीन वर्षों से अपने गांव में काम कर रही प्रेरणा मिश्रा की मेहनत और गांव में परंपरागत तरीके से तैयार खाद्यान्न के बेहतर मार्केट की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंची. जिसके बाद प्रधानमंत्री ने झारखंड के स्टार्टअप कार्यक्रम को चला रही प्रेरणा से बात कर उसकी हौसला अफजाई की. इस कार्यक्रम का आयोजन डांडे गांव में दिन के 11 बजे किया गया, जहां गांव की महिलाएं पीएम मोदी की बातें बड़े स्क्रीन पर देख रही थीं. प्रधानमंत्री ने प्रेरणा की मेहनत और उनके व्यवसाय के प्रति समर्पण की प्रशंसा की, जिससे प्रेरणा और उनके सहयोगियों को बहुत प्रोत्साहन मिला.
हूल दिवस की बधाई
मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने 30 जून के महत्वपूर्ण दिन को याद किया, जो आदिवासी भाई-बहनों द्वारा हूल दिवस के रूप में मनाया जाता है. प्रधानमंत्री ने संथाल जनजाति का उल्लेख करते हुए कहा कि इस दिन वीर सिद्धो-कान्हू के अदम्य साहस को याद किया जाता है. वीर सिद्धो-कान्हू ने विदेशी शासकों के अत्याचार का विरोध किया था. पीएम ने कहा कि झारखंड के संताल परगना के आदिवासी भाई-बहनों ने विदेशी शासकों के खिलाफ हथियार उठाया था, और उनका यह बलिदान आज भी देशवासियों को प्रेरित करता है.
प्रेरणा मिश्रा, आत्मनिर्भर भारत की मिसाल
प्रेरणा मिश्रा की कहानी एक उदाहरण है कि कैसे स्थानीय स्तर पर शुरू की गई छोटी पहलें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना सकती हैं. उनकी सफलता आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. प्रेरणा ने यह साबित किया है कि यदि सही मार्गदर्शन और समर्थन मिले, तो ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं भी बड़े पैमाने पर व्यवसाय कर सकती हैं और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं.
प्रधानमंत्री की सराहना का प्रभाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना और समर्थन ने प्रेरणा मिश्रा और उनके साथ काम कर रही महिलाओं को और अधिक प्रेरित किया है. इससे यह भी साबित होता है कि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएं और कार्यक्रम वास्तविक जीवन में लोगों को लाभ पहुँचा रही हैं. प्रधानमंत्री की इस सराहना ने न केवल प्रेरणा के व्यवसाय को बढ़ावा दिया है, बल्कि अन्य ग्रामीण महिलाओं को भी उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है.