डंपरों में एलएनजी किट का पायलट प्रोजेक्ट शुरू..

धनबाद: कोल इंडिया लिमिटेड ने कार्बन फूटप्रिंट को और कम करने के लिए डंपरों में लिक्वीफाइड नेचुरल गैस (एलएनजी) किट को लगाने की प्रक्रिया शुरू की है। विशेषज्ञों ने सीआईएल के इस कदम से डीजल का उपयोग 40% कम होने और हर वर्ष 500 करोड़ रुपए के बचत की संभावना जताई गई है। डंपरों का उपयोग खदानों में कोयले के परिवहन में होता है। सीआईएल में फिलहाल 3500 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य का प्रतिवर्ष 4 लाख किलोलीटर डीजल का उपयोग होता है। कंपनी ने गेल (इंडिया) लिमिटेड और बीईएमएल लिमिटेड के सहयोग से गेल और बीईएमएल के साथ महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) के दो 100 टन डंपर में एलएनजी किट लगाने के लिए एक समझौता किया है। एलएनजी किट फिट कर परीक्षण सफल होने पर यह डंपर दोहरी ईंधन प्रणाली पर चलने में सक्षम होंगे और एलएनजी के उपयोग के साथ उनका संचालन काफी सस्ता और स्वच्छ होगा।

इस साल के अंत में प्रोजेक्ट की लागत का मूल्यांकन..
सीआईएल के पास ओपनकास्ट कोयला खदानों में संचालित 2500 से अधिक डंपर हैं, जिनमें उपयोग किए जाने वाले कुल डीजल का लगभग 65 से 75 प्रतिशत खपत होता है। डंपर सहित सभी भारी अर्थ मूविंग मशीनों में एलएनजी किट फिट करने पर ईंधन की लागत में लगभग 15 प्रतिशत कमी आने के साथ ही लाना 500 करोड़ रुपए की बचत होगी। प्रोजेक्ट के इस साल के अंत तक पूरा होने के बाद लागत का मूल्यांकन किया जाए

अमेरिका, कनाडा, मेक्सिको रूस के डंपरों में प्रयोग सफल..
सीआईएल की इस प्रोजेक्ट के सफल होने पर सिर्फ एलएनजी ईंजन के साथ एचईएमएम खरीदने की योजना है। उच्च क्षमता वाले डंपर ट्रकों में एलएनजी हाइब्रिड अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको, रूस व घाना द्वारा लागू हो चुके हैं ।

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