झारखंड में पीजीटी परीक्षा घोटाला!

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हाल ही में, झारखंड की पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (पीजीटी) परीक्षा अनियमितताओं के कारण चर्चा में आई है, जो नीट पेपर लीक मामले से काफी मिलती जुलती है. गौरतलब है कि 1500 सफल उम्मीदवारों में से 500 उम्मीदवार एक ही केंद्र से हैं, जिससे संभावित कदाचार की आशंका बढ़ गई है. इस केंद्र ने न केवल सबसे ज्यादा सफल उम्मीदवार दिए हैं, बल्कि अधिकांश टॉपर्स भी यहीं से हैं और यही लोगों का ध्यान इस ओर आकर्षित कर रही है की निश्चित ही यह घोटाला मामला है, वरना एक ही केंद्र से इतने बच्चों का सफल होना संभव ही नहीं है.

उम्मीदवारों के आरोप:
उम्मीदवारों का आरोप है कि कई केंद्रों पर गंभीर अनियमितताएँ हुईं. बोकारो का श्रेया डिजिटल, धनबाद का धनबाद डिजिटल, रांची का शिवा इन्फोटेक, फ्यूचर ब्राइट और ट्रिस्टार टेक्नोलॉजी संदिग्ध केंद्र हैं, इन केंद्रों ने सबसे ज्यादा टॉप-परफॉर्मिंग उम्मीदवारों को सुविधा प्रदान की है. बता दें कि 24 केंद्रों में से केवल पांच केंद्रों में 1500 सफल उम्मीदवार थे. प्राप्त जानकारी के मुताबिक एक ही केंद्र से 500 उम्मीदवार पास हुए, जिससे परिणाम की वैधता पर सवाल उठे हैं. जबकि, 3120 चयनित पीजीटी उम्मीदवारों में से 2100 को उनके नियुक्ति पत्र मिलने वाले हैं. इन उम्मीदवारों के प्रमाणपत्रों और क्रेडेंशियल्स का सत्यापन चल रहा है।

सफल अभ्यर्थियों का डिटेल्स
3120 पीजीटी के लिए राज्यभर में 24 परीक्षा केन्द्र बनाए गए थे, जिसमें से 5 केंद्रों में से 1500 बच्चे सफल हो गए. बात करें तो बोकारो के श्रेया डिजिटल से भूगोल विषय में 195 अभ्यर्थी पास जिसमें 45 अभ्यर्थी सफल हुए. तो वहीं, भौतिकी में 262 में 72, वाणिज्य में 245 में 49, गणित में 279 में 52 के अलावा जीवविज्ञान में 36 रसायनशास्त्र में 22 अंग्रेजी में 28 हिंदी में 20 अर्थशास्त्र में 18 इतिहास में 13 और संस्कृत में कुल 7 अभ्यर्थी सफल हुए हैं.

केस स्टडी 1
झारखंड में सात महीने के अंदर 2 पेपर लीक मामले सामने आए हैं, झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की यह दोनों परीक्षा रद्द कर दी गई. जुलाई 2023 में जूनियर इंजीनियरिंग और फरवरी 2024 में हुई स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक हुए थे. इस पर भी जम कर हंगामा किया था जिसकी गूंज सदन तक पहुंच गई थी. इस मामले में प्रश्न पत्र तैयार करने वाली एजेंसी की संलिप्तता उजागर हुई थी साथ ही बिहार का कनेक्शन भी सामने आया था. कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई, जिसके बाद जेएसएससी के तात्कालिक अध्यक्ष नीरज सिन्हा ने त्यागपत्र दे दिया.

केस स्टडी 2
झारखंड की छठवीं सिविल सेवा परीक्षा में एक ही केंद्र के सीरियल नम्बर से अभ्यर्थी पास हुए थे. ऐसा एक से ज्यादा एग्जाम सेंटर के परिणाम में सामने आया था. इसके बाद इस मुद्दे पर कई बवाल हुए, मामला सदन, फिर कोर्ट तक पहुंच गया, जब हाई कोर्ट ने सीरियल नम्बर की जांच करवाई तो मालूम हुआ की आयोग में कॉपी उपलब्ध ही नही हैं, जिसके बाद सभी अभ्यर्थियों की अभियार्थिता रद्द कर दी गई.

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