झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने घोषणा की है कि 2 सितंबर को राज्यभर के पेट्रोल पंप बंद रखे जाएंगे. यह फैसला डीलर्स कमीशन में वृद्धि, वैट कटौती, और अन्य समस्याओं के समाधान के लिए किया गया है. एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह ने कहा कि 2017 के बाद से डीलर्स कमीशन में कोई वृद्धि नहीं हुई है, जबकि तेल की कीमतों और महंगाई में काफी बढ़ोतरी हो चुकी है. इस कारण डीलर्स को ऑपरेशन कॉस्ट (संचालन लागत) में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे कई कम बिक्री वाले पेट्रोल पंप बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं.
वैट कटौती की मांग
एसोसिएशन ने राज्य सरकार से मांग की है कि झारखंड में वैट (वैल्यू एडेड टैक्स) को कम किया जाए, क्योंकि अन्य राज्यों की तुलना में यहां वैट अधिक है, जिससे पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर असर पड़ रहा है. उन्होंने बिहार राज्य का उदाहरण देते हुए कहा कि झारखंड में भी वैट रिटर्न की अनिवार्यता को समाप्त किया जाना चाहिए. इसके अलावा, उन्होंने प्रदूषण जांच केंद्र पर हो रही समस्याओं, तेल कंपनियों के अधिकारियों के मनमाने रवैये, और तेल डिपो में हो रही समस्याओं का भी उल्लेख किया.
डीलर्स की आगामी रणनीति
एसोसिएशन ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि डीलर्स कमीशन में वृद्धि के लिए राज्यपाल से मिलकर ज्ञापन सौंपा जाएगा. इससे पहले, डीलर और पंपकर्मी काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे. इसके बाद, 2 सितंबर को राज्यभर के लगभग 1600 पेट्रोल पंप बंद रहेंगे। इस हड़ताल के दौरान, सभी जिलों के डीलर्स अपने-अपने क्षेत्र के विधायकों और सांसदों को भी ज्ञापन सौंपेंगे. यदि इसके बाद भी सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है, तो आगे के लिए और कड़े कदम उठाए जाएंगे.
गुमला में विरोध प्रदर्शन
गुमला जिले के कुल 32 पेट्रोल पंप संचालक और कर्मचारी काला बिल्ला लगाकर अपनी मांगों के समर्थन में काम कर रहे हैं. उनकी मांगों में डीजल और पेट्रोल पर वैट कम करने, पेट्रोल पंपों के बकाया सरकारी बिलों का भुगतान करने, और वैट रिटर्न दाखिल करने से छूट देने की मुख्य बातें शामिल हैं. यदि उनकी मांगों पर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया, तो 2 सितंबर को गुमला जिले के सभी पेट्रोल पंप बंद रखे जाएंगे. काला बिल्ला लगाकर काम करने का यह आंदोलन 1 सितंबर तक चलेगा.
सरकार से उम्मीद
झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष विनीत लाल ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार को उनकी मांगों से कई बार अवगत कराया गया है, लेकिन अब तक किसी भी तरह की पहल नहीं की गई है. इस कारण डीलर्स को मजबूर होकर अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन करना पड़ रहा है. एसोसिएशन को उम्मीद है कि सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से लेगी और जल्द ही कोई ठोस कदम उठाएगी, जिससे राज्य में पेट्रोल पंप संचालकों को राहत मिल सके.