2016 में झारखंड में हुए राज्यसभा चुनाव में कथित हॉर्स ट्रेडिंग मामले में प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा जोड़ने को लेकर आज रांची सिविल कोर्ट में सुनवाई पूरी हुई। अदालत ने फैसले को 10 जून तक के लिए सुरक्षित रख लिया है। न्यायिक दंडाधिकारी अनुज कुमार की अदालत में केस की सुनवाई चल रही है। सरकार की ओर से केस की पैरवी सहायक लोक अभियोजक जया टोपनो कर रही हैं। केस के आइओ ने मामले में आरोपित पूर्व एडीजी अनुराग गुप्ता एवं पूर्व सीएम रघुवर दास के प्रेस सलाहकार रहे अजय कुमार के खिलाफ करप्शन एक्ट की धारा जोड़ने का आवेदन दिया था।
एपीपी ने सुनवाई के दौरान कहा कि मामले में प्रीवेंशन आफ करप्शन एक्ट की धाराओं का जोड़ा जाना विधि सम्मत है। पीसी एक्ट जोड़ने की इजाजत दी जाए। दलीलें पूरी होने के बाद अदालत ने आदेश 10 जून तक के लिए सुरक्षित रख लिया। जगन्नाथपुर 154/18 के अनुसंधानकर्ता की ओर से पीसी एक्ट की धारा 13 सहपठित 1(डी) जोड़ने का आवेदन दो जून को दिया गया था। जांच अधिकारी के आवेदन में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास का नाम भी अप्राथमिकी आरोपी के रूप में शामिल किया है।
बता दें कि 2016 के राज्यसभा चुनाव के दौरान एक राजनीतिक दल के पक्ष में खड़े प्रत्याशी के पक्ष में वोट करने के लिए बड़कागांव के तत्कालीन विधायक निर्मला देवी को प्रलोभन दिया गया था। साथ ही उनके पति पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को धमकी भी दी गई थी। इस घटना को लेकर 2018 में जगन्नाथपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पीसी एक्ट जोड़ने की अनुमति के साथ ही केस एसीबी की विशेष अदालत में चला जाएगा।