रांची : निजी स्कूलों के मनमानी के खिलाफ अभिभावक अब 1 से 7 जुलाई तक मौन प्रदर्शन करेंगे। बता दे कि झारखंड में निजी स्कूलों को शिक्षण शुल्क में बढ़ोतरी नहीं करने और ट्यूशन फीस के अलावा अन्य कोई शुल्क नहीं लेने के आदेश के मामले में उपायुक्त ने फिलहाल अपने आदेश को स्थगित कर दिया है। इस फैसले के बाद झारखंड अभिभावक संघ ने राज्यस्तरीय आंदोलन की घोषणा की। जिसके तहत अभियान का नाम “सात वार सात गुहार” रखा गया है। संघ के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि आंदोलन का कार्यक्रम पूरे राज्य स्तर पर चलेगा, जिसमें अलग -अलग 7 दिनों के लिए कोविड 19 के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए कार्यक्रम निर्धारित किए गए हैं। इस दौरान उपायुक्त ने कहा कि राज्य सरकार के शिक्षा विभाग को वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया है। सरकार जो भी निर्णय लेगी उसे निजी स्कूलों को मानना होगा।
बता दे कि झारखंड अभिभावक संघ की आभासी बैठक अध्यक्ष अजय राय की अध्यक्षता में हुई, जिसमें विभिन्न जिलों के अध्यक्ष, प्रदेश पदाधिकारी और राज्य के विभिन्न जिलों के अभिभावक शामिल हुए। बैठक में सभी अभिभावकों ने अपने जिले की परिस्थितियों से अवगत कराया और निजी स्कूल प्रबंधन द्वारा किए गए शोषण के बारे में जानकारी दी। उपायुक्त ने कहा है कि माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के निर्देश का इंतजार करना होगा। उसके बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा।
साथ ही उन्होंने कहा कि झारखंड के सभी संबद्धता प्राप्त निजी स्कूलों की पिछले 5 सालों की परीक्षण विवरण की समीक्षा करने का आग्रह सीएम हेमंत सोरेन और शिक्षा विभाग से किया है। साथ ही कहा गया कि समीक्षा के उपरांत जिन स्कूलों की आर्थिक स्थिति अच्छी हो, वे नियम विरुद्ध शुल्क लेने पर पाबंदी लगाएं। जिन स्कूलों की आर्थिक हालत खराब है,उन्हें सरकार सहयोग करे ताकि स्कूलों में काम करने वाले टीचिंग और नन टीचिंग स्टाफों को वेतन मिल पाए। इस कार्य में अभिभावक संघ हमेशा सरकार के साथ है।