सावन की दूसरी सोमवारी के पवित्र अवसर पर पहाड़ी मंदिर में मुख्य पूजा का आयोजन होने जा रहा है. भक्त सुबह 4 बजे से जलार्पण कर सकेंगे, जबकि मुख्य पूजा सुबह 3 बजे से प्रारंभ होगी. इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में भक्तों के जुटने की संभावना है, और मंदिर प्रांगण में भक्तों का उत्साह चरम पर है.
सुरक्षा व्यवस्था
भक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मंदिर के सभी गेटों पर महिला और पुरुष पुलिस बल तैनात रहेंगे. प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं ताकि इस पावन दिन पर भारी संख्या में आने वाले भक्तों को कोई असुविधा न हो. सुरक्षा के मद्देनजर सीसीटीवी कैमरों की भी व्यवस्था की गई है, जिससे पूरे क्षेत्र पर नजर रखी जा सके. मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रवेश द्वारों पर मेटल डिटेक्टर और सुरक्षा जांच की व्यवस्था की है. इसके साथ ही, पूरे मंदिर परिसर में वॉलंटियर्स तैनात किए गए हैं, जो भक्तों को मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करेंगे. भक्तों को कतारबद्ध होकर प्रवेश करना होगा, जिससे अनावश्यक भीड़ और अफरातफरी से बचा जा सके.
अनुष्ठान और प्रसाद
न्यायमूर्ति डॉ. आर.एन. पाठक द्वारा पहाड़ी मंदिर में मुख्य पूजा संपन्न की जाएगी. इस अवसर पर विशेष रूप से तैयार किए गए पहाड़ी लड्डू का वितरण भी किया जाएगा. भक्तों को प्रसाद के रूप में यह लड्डू उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे उन्हें पवित्रता और आशीर्वाद की अनुभूति हो. पूजा के दौरान मंदिर के पुजारियों द्वारा मंत्रोच्चार और विशेष अनुष्ठानों का आयोजन किया जाएगा. भक्तों को पूजा सामग्री के रूप में बेलपत्र, जल, दूध, दही, घी और शहद का उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं. इन वस्तुओं का महत्व धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक है और इन्हें भगवान शिव को अर्पित करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है.
देर रात से होगी तैयारी
आज देर रात से ही भोले बाबा के जयकारों के साथ मंदिर प्रांगण गूंजने लगेगा. भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए, मंदिर प्रशासन ने रात से ही तैयारी शुरू कर दी है. सोमवार की पूजा के लिए भक्त आज रात से ही तैयारी में जुट जाएंगे. 29 जुलाई को सावन की दूसरी सोमवारी के अवसर पर भक्त बड़ी संख्या में पहाड़ी मंदिर में एकत्रित होंगे.
विशेष इंतजाम
प्रशासन ने सुरक्षा के साथ-साथ सफाई और सुविधा के लिए भी विशेष इंतजाम किए हैं. महिला और पुरुष पुलिस बल के साथ ही मंदिर के अंदर और बाहर सफाई कर्मियों की टीम तैनात की जाएगी. मंदिर परिसर को विशेष रूप से सजाया गया है और सुरक्षा व्यवस्था के लिए सीसीटीवी कैमरों का भी उपयोग किया जाएगा. मंदिर परिसर की सफाई और सजावट का विशेष ध्यान रखा गया है. मंदिर के मुख्य द्वार से लेकर गर्भगृह तक सभी स्थानों को फूलों और लाइट्स से सजाया गया है. सफाई कर्मियों की टीम ने मंदिर परिसर की सफाई का कार्य पहले ही संपन्न कर लिया है, जिससे भक्तों को स्वच्छ और पवित्र वातावरण मिल सके.
भक्तों के लिए निर्देश
मंदिर प्रशासन ने भक्तों से अपील की है कि वे मंदिर के नियमों का पालन करें और अनुष्ठान के दौरान संयम बनाए रखें. जलार्पण के लिए भक्तों को कतारबद्ध होकर प्रवेश करना होगा और सुरक्षा जांच के बाद ही मंदिर में प्रवेश मिलेगा. भक्तों को निर्देश दिया गया है कि वे मंदिर परिसर में अनावश्यक भीड़भाड़ और धक्का-मुक्की से बचें. सुरक्षा कर्मियों और वॉलंटियर्स के निर्देशों का पालन करें और किसी भी प्रकार की समस्या या असुविधा होने पर उनसे सहायता प्राप्त करें.
भक्ति में डूबा माहौल
सावन के इस पवित्र माह में पहाड़ी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है. मंदिर के पुजारियों ने बताया कि इस विशेष अवसर पर पूजा और अनुष्ठान की तैयारी कई दिनों से की जा रही है. भक्तों के लिए विशेष पूजा सामग्री की भी व्यवस्था की गई है. मंदिर परिसर में भक्ति का वातावरण छाया हुआ है. भजन-कीर्तन और धार्मिक गीतों की ध्वनि से पूरा मंदिर परिसर गुंजायमान है. भक्तों के चेहरे पर श्रद्धा और भक्ति की झलक स्पष्ट दिखाई देती है. पूजा और अनुष्ठान में भाग लेने के लिए भक्तों ने विशेष व्रत और उपवास भी रखा है.
स्वास्थ्य सेवाएं
भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर परिसर में स्वास्थ्य सेवाओं की भी व्यवस्था की गई है. आपातकालीन स्थिति के लिए एम्बुलेंस और प्राथमिक उपचार केंद्र भी तैयार रखे गए हैं. स्वास्थ्य कर्मियों की एक टीम मंदिर परिसर में तैनात की गई है, जो किसी भी आपात स्थिति में तत्काल सहायता प्रदान करेगी. प्राथमिक उपचार केंद्र में दवाइयों और आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की व्यवस्था की गई है, जिससे भक्तों को तुरंत इलाज मिल सके.
परिवहन सुविधा
भक्तों की सुविधा के लिए विशेष परिवहन सेवाओं की भी व्यवस्था की गई है. मंदिर प्रशासन ने शहर के विभिन्न स्थानों से मंदिर तक आने-जाने के लिए विशेष बस सेवाओं की भी व्यवस्था की है. नगर निगम ने भी विशेष बस सेवा का संचालन किया है, जिससे दूर-दराज से आने वाले भक्तों को मंदिर तक पहुंचने में कोई कठिनाई न हो. बस सेवा के साथ-साथ ऑटो और टैक्सी की भी व्यवस्था की गई है, जिससे भक्तों को आसानी से मंदिर तक पहुंचाया जा सके.
भक्ति की झलक
सावन की दूसरी सोमवारी पर पहाड़ी मंदिर में आयोजित होने वाले इस पवित्र अनुष्ठान में भाग लेने के लिए भक्तों की भारी भीड़ जुटेगी. मंदिर प्रशासन और स्थानीय प्रशासन ने सभी आवश्यक प्रबंध कर लिए हैं ताकि भक्तजन शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से पूजा-अर्चना कर सकें.