रांची: झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर को संजोए रखने और उसे देश-विदेश तक पहुंचाने वाले प्रसिद्ध ठेठ नागपुरी गायक महावीर नायक को वर्ष 2025 के पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को दिल्ली में आयोजित एक गरिमामय समारोह में उन्हें यह सम्मान प्रदान किया।
महावीर नायक को उनकी अनूठी भिनसरिया राग में गायिकी और ठेठ नागपुरी संस्कृति के प्रचार-प्रसार में दिए गए अतुलनीय योगदान के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला है। उन्हें ‘भिनसरिया कर राजा’ के नाम से भी जाना जाता है, और उन्होंने 1962 से ठेठ नागपुरी गीतों की साधना प्रारंभ की थी।
लोकसंस्कृति के सच्चे प्रहरी
महावीर नायक ने पिछले 50 वर्षों से भी अधिक समय से नागपुरी गीत-संगीत को समर्पित जीवन जिया है। उनकी गायिकी झारखंड की मिट्टी की सोंधी खुशबू लिए हर वर्ग के लोगों तक पहुंचती रही है। उनके गीत न सिर्फ मनोरंजन करते हैं, बल्कि समाज, संस्कृति और परंपरा का जीवंत दस्तावेज भी बन गए हैं।
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी दमदार उपस्थिति
महावीर नायक ने अपनी कला का प्रदर्शन देश और विदेश में किया है। पद्मश्री मुकुंद नायक और डॉ. रामदयाल मुंडा के साथ उन्होंने ताइवान में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। विभिन्न राज्यों में आयोजित लोक महोत्सवों में उनकी प्रस्तुतियों को विशेष सराहना मिली।
पूर्व में मिले सम्मान
उनके योगदान को समय-समय पर सम्मान भी मिला है। 2014 में उन्हें भारत लोकरंग महोत्सव में लोककला रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इसके अलावा 2019 में आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह में भी उन्हें विशेष सम्मान प्राप्त हुआ।
झारखंड के लिए गर्व का क्षण
महावीर नायक से पहले झारखंड के लोक कलाकारों मुकुंद नायक और मधु मंसूरी हंसमुख को भी पद्मश्री मिल चुका है। महावीर नायक की इस उपलब्धि से राज्यवासियों में गर्व और खुशी की लहर है।
झारखंड की लोकसंस्कृति और परंपरा को राष्ट्रीय पहचान दिलाने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।