झारखंड में धान अधिप्राप्ति अभियान: अब तक 11,720 किसानों से 6,81,217 क्विंटल धान की खरीद..

झारखंड में 15 दिसंबर से शुरू हुए धान क्रय अभियान के अंतर्गत अब तक 11,720 किसानों से 6,81,217 क्विंटल धान खरीदा जा चुका है. यह अभियान 15 अप्रैल तक जारी रहेगा. इस वर्ष राज्य सरकार ने 60 लाख क्विंटल धान क्रय का लक्ष्य तय किया है. किसानों की सुविधा के लिए राज्यभर में 684 अधिप्राप्ति केंद्र स्थापित किए गए हैं, जो पिछले वर्षों की तुलना में अधिक हैं. इन केंद्रों पर नमीमापक यंत्र और सरकारी कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है ताकि प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया जा सके.

निबंधन और अधिप्राप्ति प्रक्रिया..
धान बेचने के लिए 2,37,442 किसानों ने ई-उपार्जन पोर्टल के माध्यम से निबंधन कराया है. क्रय प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए किसानों को उनके निबंधित मोबाइल नंबर पर धान बिक्री की तिथि से संबंधित एसएमएस भेजा जा रहा है. इस कदम से अधिप्राप्ति केंद्रों पर भीड़ की समस्या में कमी आई है और किसानों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ रहा है. राज्य सरकार ने इस अभियान को पूरी तरह कम्प्यूटरीकृत कर पारदर्शी बनाया है. किसानों को जागरूक करने और बिचौलियों या खुले बाजार में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम पर धान बेचने से रोकने के लिए जिला और प्रखंड स्तर के अधिकारी जुटे हुए हैं.

धान क्रय के मानक..
भारत सरकार के खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार धान में अधिकतम 17 प्रतिशत नमी की अनुमति है. इस मानक के आधार पर ही धान की खरीद हो रही है. सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि नमी के कारण किसानों से किसी प्रकार की कटौती न हो.

बेहतर प्रदर्शन की ओर बढ़ता राज्य..
धान क्रय के मामले में झारखंड इस वर्ष बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में 3 जनवरी तक 591 किसानों से 32,499 क्विंटल धान की खरीद हुई थी, जबकि 2022-23 में 5901 किसानों से 2,88,285 क्विंटल धान खरीदा गया था. मौजूदा खरीफ विपणन मौसम 2024-25 में अधिप्राप्ति में स्पष्ट वृद्धि देखी जा रही है.

राइस मिलों से अग्रिम सीएमआर की प्राप्ति..
तीन जनवरी तक राज्य की 70 पंजीकृत राइस मिलों से 1,07,434 क्विंटल अग्रिम सीएमआर (चावल) प्राप्त हुआ है. यह अधिप्राप्ति प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो राज्य सरकार को अपने धान क्रय लक्ष्य को पूरा करने में मदद करता है.

साप्ताहिक समीक्षा और भौतिक सत्यापन..
राज्य स्तर पर विभाग द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला आपूर्ति पदाधिकारियों और जिला प्रबंधकों के साथ साप्ताहिक समीक्षा की जा रही है. इसके अतिरिक्त, अधिप्राप्ति केंद्रों का भौतिक सत्यापन भी किया जा रहा है. केंद्रों की कार्यप्रणाली को सुचारू बनाए रखने के लिए जिला प्रबंधकों और प्रबंध निदेशक, जेएसएफसी द्वारा निगरानी की जा रही है.

किसानों के लिए विशेष प्रयास..
राज्य सरकार और संबंधित विभाग किसानों को जागरूक करने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास कर रहे हैं. किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का लाभ दिलाने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं. यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसान अपने धान को बिचौलियों के हाथों औने-पौने दामों में न बेचें.

भविष्य की तैयारियां..
सरकार का धान क्रय अभियान केवल राज्य के खाद्यान्न भंडारण को मजबूत करने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण का भी एक महत्वपूर्ण पहल है. सरकार की योजना है कि निर्धारित लक्ष्य को समय से पहले पूरा किया जाए और किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाया जाए.

 

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