राज्य में अगले एक-दाे दिनाें में 18-44 साल की उम्र वालाें का टीकाकरण रुक जाएगा। राज्य में अब स्टाॅक में 80 हजार टीके ही हैं। देवघर, धनबाद जैसे बड़े जिलों में इस आयुवर्ग का टीका शुक्रवार को ही खत्म हो चुका है। कई जिलाें में एक दिन का स्टाॅक है। हालांकि राज्य के लिए राज्य के लिए पांच लाख टीके आवंटित हुए हैं, जाे अगले महीने आएंगे। इसके बाद भी महज एक सप्ताह ही टीकाकरण चल सकता है।
हालांकि 45 से ज्यादा उम्र के लाेगाें का टीकाकरण जारी रहेगा। इनके लिए सरकार के पास अभी करीब छह लाख टीके पड़े हैं। राज्य के वैक्सीन प्रभारी ए डाेड्डे ने बताया कि इस आयु वर्ग के लिए झारखंड काे करीब पांच लाख टीके आवंटित किए गए हैं। राज्य में इस आयु वर्ग की कुल आबादी 15,73,400 है। इसमें मात्र 4 लाख 63 हजार 380 लोगों यानी 2.74% को ही टीके लगे हैं। करीब 97 प्रतिशत युवाओं काे अभी भी टीके का इंतजार है।
राज्य को चाहिए 3.5 करोड़ टीका..
ए. डोडे ने बताया कि 18-44 आयुवर्ग के लोगों के लिए राज्य को 3.5 करोड़ टीका चाहिए। इनमें से हमें 5.5 लाख टीका मिला है, जबकि अगले माह 5 लाख टीका मिलेगा। उन्होंने बताया कि 18 प्लास के लिए राज्य को खुद टीका खरीदना है, लेकिन टीका बनाने वाली कंपनियां किस राज्य को कब कितना टीका देगी, इसका निर्धारण केंद्र सरकार ही करती है। राज्य को केवल निर्धारित टीके का भुगतान टीका कंपनी को करना है।
18 प्लस के लिए बुकिंग की जरूरत नहीं..
अब 18-44 आयुवर्ग के लोगों को भी टीका लेने के लिए पहले से बुकिंग करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। स्वास्थ्य विभाग के वरीय आईईसी पदाधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि केंद्र सरकार ने इसकी अनुमति प्रदान कर दी है। लेकिन राज्य में 18 प्लस के लिए फिलहाल पर्याप्त टीका ही उपलब्ध नहीं है।
सभी जिलों में टीकाकरण के लिए मोबाइल वैन..
रांची की तरह राज्य के सभी जिलों में टीकाकरण के लिए मोबाइल वैन की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। श्री डोडे ने बताया कि राज्य के सभी जिले के उपायुक्तों को इस बाबत अनुरोध किया गया है। मोबाइल वैन से न सिर्फ 45 प्लस, बल्कि 18 प्लस के लोगों का भी टीकाकरण किया जाएगा। लेकिन 18 प्लस का पर्याप्त टीका उपलब्ध नहीं होने के कारण फिलहाल 45 प्लस को ही तरजीह दी जाएगी। उन्होंने बताया कि मोबाइल वैन की सुविधा खासकर बुजुर्ग व दिव्यांगों की सहूलियत के लिए है, जिन्हें बूथ तक आने में परेशानी है।
सीएम बोले-गुजरात को 1.62 करोड़ और झारखंड को सिर्फ 48 लाख ही वैक्सीन, ऐसा भेदभाव क्यों..
मुख्यमंत्री हेमंत साेरेन ने राज्यों को जनसंख्या के अनुपात में दी गई वैक्सीन पर भी सवाल उठाया है। सीएम ने कहा कि गुजरात की आबादी 6.2 करोड़ है और उसे 1.62 करोड़ वैक्सीन दी गई है। यानी प्रति करोड़ आबादी पर 28 लाख। वहीं झारखंड की आबादी 3.25 करोड़ है और यहां अब तक 48 लाख वैक्सीन दी गई है। यानी प्रति करोड़ की आबादी पर सिर्फ 15 लाख टीके ही दिए गए। इसी तरह बिहार की आबादी 12.8 करोड़ है और वैक्सीन एक करोड़ मिले हैं। यानी प्रति करोड़ आबादी पर मात्र आठ लाख वैक्सीन। केंद्र ऐसा भेदभाव क्याें कर रहा।