प्याज के दामों पर काबू: रांची समेत प्रमुख शहरों में 35 रुपये प्रति किलो की बिक्री शुरू….

प्याज की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण पाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से लगातार कोशिशें जारी हैं. उपभोक्ताओं को राहत देने और मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिए सरकार ने बफर स्टॉक से प्याज की आपूर्ति सस्ती दरों पर शुरू कर दी है. केंद्रीय उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने इस दिशा में आदेश जारी करते हुए देश के विभिन्न शहरों में 35 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज बेचने का निर्देश दिया है.

बड़े शहरों में सस्ते प्याज की बिक्री

केंद्र सरकार के इस पहल के तहत झारखंड की राजधानी रांची समेत आधा दर्जन प्रमुख शहरों में मोबाइल वैन के माध्यम से प्याज की बिक्री शुरू की गई है. इन मोबाइल वैनों के जरिए जनता को रियायती दरों पर प्याज उपलब्ध कराया जा रहा है. रांची में, नेफेड (NAFED) और एनसीसीएफ (NCCF) की ओर से प्याज की बिक्री के लिए आठ प्रमुख स्थलों को चिन्हित किया गया है. इनमें कांके रोड (स्पीकर निवास के पास), पिस्का मोड़, मोरहाबादी, चांदनी चौक कांके, लालपुर चौक, बिरला मैदान, बहु बाजार, और बरियातू शामिल हैं. इन स्थानों पर लगाई गई मोबाइल वैन से लोगों को 35 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज मिल रहा है, जिससे मंहगाई के इस दौर में आम जनता को काफी राहत मिल रही है. यह सिर्फ रांची तक ही सीमित नहीं है. उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में 50 स्थानों, मुंबई में 50, चेन्नई में 19, गुवाहाटी में 11, और भुवनेश्वर में 10 जगहों पर भी इसी तरह से मोबाइल वैन के जरिए प्याज की बिक्री की जा रही है. सरकार की योजना है कि जल्द ही अन्य शहरों में भी यह सुविधा शुरू की जाएगी, ताकि देशभर में लोग इस राहत का फायदा उठा सकें.

प्याज की ऑनलाइन और अन्य बिक्री मंच

सिर्फ मोबाइल वैन से ही नहीं, बल्कि विभिन्न ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स, सफल आउटलेट्स और केंद्रीय भंडार जैसे स्टोर्स पर भी प्याज की बिक्री रियायती दरों पर की जा रही है. इस तरह, ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले उपभोक्ता भी इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि आम लोग कम से कम कीमतों पर प्याज खरीद सकें और महंगाई से थोड़ी राहत मिले. खरे ने यह भी बताया कि प्याज की उपलब्धता को लेकर देश में कोई कमी नहीं है. सरकार ने बफर स्टॉक में से प्याज निकालकर इन केंद्रों पर आपूर्ति शुरू की है. साथ ही, किसानों और व्यापारियों के पास भी पर्याप्त मात्रा में प्याज का भंडारण मौजूद है. इससे यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि मांग और आपूर्ति के बीच कोई बड़ा अंतर न पैदा हो, जो कीमतों में और इजाफा कर सके.

बफर स्टॉक से प्याज की आपूर्ति

सरकार ने 4.7 लाख टन प्याज का बफर स्टॉक तैयार किया था, ताकि जब भी कीमतों में अचानक वृद्धि हो, उस पर काबू पाया जा सके. अब यही बफर स्टॉक देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाया जा रहा है और इसे रियायती दरों पर बेचा जा रहा है. उपभोक्ताओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए प्याज की आपूर्ति सुचारू रूप से जारी रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं. प्याज की बढ़ती कीमतों पर नजर रखने और बाजार में किसी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए सरकार ने 550 केंद्रों पर लगातार निगरानी की व्यवस्था की है. यह निगरानी इस बात को सुनिश्चित करेगी कि किसी भी जगह पर कीमतों में अनावश्यक वृद्धि न हो और प्याज की उपलब्धता में कोई कमी न आए.

मुद्रास्फीति और खुदरा मुद्रास्फीति को काबू करने के प्रयास

प्याज की कीमतों में वृद्धि से खाद्य मुद्रास्फीति और खुदरा मुद्रास्फीति पर सीधा असर पड़ता है. प्याज जैसे आवश्यक वस्त्र की कीमतें बढ़ने से खाद्य पदार्थों की कीमतों में भी इजाफा होता है, जिससे आम लोगों पर आर्थिक दबाव बढ़ता है. इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने प्याज की कीमतों को काबू में रखने के लिए कई कदम उठाए हैं. इस पहल के तहत प्याज की बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए बफर स्टॉक से प्याज निकाला जा रहा है और रियायती दरों पर बेचा जा रहा है. साथ ही, विभिन्न शहरों में मोबाइल वैन के माध्यम से प्याज की बिक्री शुरू की गई है. इसके अलावा, ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यमों से भी प्याज की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है, ताकि उपभोक्ताओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े.

आम जनता को हो रही राहत

सरकार की इस पहल से आम जनता को महंगाई से राहत मिल रही है. 35 रुपये प्रति किलो प्याज की उपलब्धता से लोगों की जेब पर पड़ने वाला बोझ कम हो रहा है. मोबाइल वैन की सुविधा के चलते रांची के विभिन्न इलाकों में लोग आसानी से सस्ती दरों पर प्याज खरीद पा रहे हैं. वहीं, अन्य बड़े शहरों में भी यह योजना काफी सफल रही है.

सरकार के अगले कदम

केंद्रीय उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बताया कि आने वाले दिनों में देश के अन्य हिस्सों में भी इस योजना का विस्तार किया जाएगा. इसके अलावा, सरकार प्याज की कीमतों पर नजर रखने के लिए और अधिक केंद्रों पर निगरानी बढ़ाएगी, ताकि किसी भी तरह की कीमतों में बढ़ोतरी को रोका जा सके.

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