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कर्नाटक की तर्ज पर झारखंड में सीसीटीवी लगाने के लिए बनेगा नया कानून, सभी प्रमुख स्थानों पर कैमरे अनिवार्य….

झारखंड में कानून व्यवस्था और आमलोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कर्नाटक की तर्ज पर सीसीटीवी लगाने का कानून तैयार किया जा रहा है. कर्नाटक ने 2017 में सार्वजनिक सुरक्षा (उपाय) प्रवर्तन अधिनियम लागू किया था, जिसके तहत सरकारी और गैर सरकारी प्रतिष्ठानों, अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों, धार्मिक स्थलों, रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंड्स और अन्य महत्वपूर्ण जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने को अनिवार्य किया गया था. अब, झारखंड में भी गृह विभाग की सहमति के बाद राज्य पुलिस मुख्यालय ने इस कानून का मसौदा तैयार किया है, जिसे जल्द ही लागू किया जा सकता है. इस कानून के तहत, झारखंड में उन सभी स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जहां एक दिन में 100 से 500 लोग आते-जाते हैं. इसके पीछे मुख्य उद्देश्य है, अपराध नियंत्रण और सुरक्षा के उपायों को और अधिक प्रभावी बनाना. पुलिस मुख्यालय ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार किया है और जल्दी ही इसे कानून का रूप दिया जाएगा.

सीसीटीवी लगाने के नियम:

झारखंड में सीसीटीवी लगाने के लिए कर्नाटक में लागू नियमों के जैसे ही कुछ प्रमुख दिशा-निर्देश होंगे. इनमें शामिल हैं:

• सीसीटीवी कैमरे में नाइट विजन क्षमता होना चाहिए.

• कैमरे की स्टोरेज क्षमता कम से कम 30 दिनों की होनी चाहिए.

• कैमरे का रेंज सड़क से कम से कम 50 मीटर तक होना चाहिए.

• सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के अंदर और बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाना जरूरी होगा.

• सीसीटीवी फुटेज का उपयोग अपराध की जांच में किया जा सकेगा, और इसे अभियोजन पक्ष या बचाव पक्ष के लिए सबूत के तौर पर प्रस्तुत किया जा सकता है.

सीसीटीवी लगाने पर जुर्माना:

यदि कोई प्रतिष्ठान सीसीटीवी नहीं लगाएगा तो उसे जुर्माना भुगतना होगा. पहली बार जुर्माना 5,000 रुपये, और दूसरी बार 10,000 रुपये तक हो सकता है. इसके अलावा, लगातार कानून का उल्लंघन करने पर प्रतिष्ठान को सील करने का भी प्रावधान होगा.

रांची पुलिस की पहल:

रांची में अपराध नियंत्रण और विधि-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पहले ही 900 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. रांची पुलिस ने निगम क्षेत्र और ग्रामीण इलाकों में 800 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं. इन कैमरों का नियंत्रण स्थानीय थाना भवन से किया जा रहा है. इन कैमरों को खासतौर पर प्रमुख चौक-चौराहा, मुख्य मार्ग और बड़े बाजारों में लगाया गया है, जहां भीड़भाड़ अधिक रहती है. इसके अलावा, रांची के कई क्षेत्रों में सौ से अधिक सीसीटीवी कैमरे लोगों की मदद से लगाए गए हैं. इन कैमरों का उद्देश्य अपराधियों को पकड़ने में मदद करना और आमलोगों को सुरक्षा प्रदान करना है. रांची में सीसीटीवी लगाने का यह कदम सुरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

कर्नाटक में लागू सीसीटीवी कानून:

कर्नाटक सरकार ने 2017 में सार्वजनिक सुरक्षा (उपाय) प्रवर्तन अधिनियम बनाया था. इस कानून के तहत सरकारी और गैर सरकारी प्रतिष्ठानों, अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थाओं, धार्मिक स्थलों, रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंडों पर सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य किए गए थे. अगर कोई प्रतिष्ठान सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाता, तो उसे जुर्माना भरना पड़ता था. इसके अलावा, हर प्रतिष्ठान को कैमरे की फुटेज 30 दिनों तक रखना अनिवार्य था. इस कानून के प्रभावी होने के बाद कर्नाटक में अपराध नियंत्रण में काफी मदद मिली और सीसीटीवी का फुटेज अपराधियों को पकड़ने में सहायक साबित हुआ.

रांची में सीसीटीवी लगाने का इतिहास:

रांची में 2022 में मोरहाबादी मैदान में दिनदहाड़े एक युवक की हत्या के बाद जिला प्रशासन ने सभी दुकानदारों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को सीसीटीवी लगाने का निर्देश दिया था. प्रशासन ने झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स, फुटकर विक्रेता दुकानदार संघ, और अन्य व्यापारिक संगठनों से सहयोग लिया. उस समय के उपायुक्त ने सभी प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना बनाई थी, ताकि अपराधों पर काबू पाया जा सके और सुरक्षा बढ़ाई जा सके.

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