रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सेना के पराक्रम को राजनीतिक लाभ के लिए उपयोग कर रही है और झारखंड जैसे राज्यों की उपेक्षा कर रही है।
भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा द्वारा निकाली जा रही तिरंगा यात्रा महज एक “ध्यान भटकाने की रणनीति” है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान के सामने हमारे जवानों ने वीरता दिखाई, लेकिन सीजफायर से पहले अमेरिका और फिर भारत के विदेश मंत्रालय के ट्वीट यह दिखाते हैं कि हमारी सेना की वीरता को राजनीतिक कूटनीति के नीचे दबा दिया गया। तिरंगा यात्रा उसी को ढकने का प्रयास है।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा, “आप मणिपुर नहीं जाते, लेकिन झारखंड के खनिज जरूर ले जाते हैं। झारखंड को उसकी रॉयल्टी तक नहीं दी जा रही। राज्य में हम लोगों तक पानी पहुंचाने की योजना चला रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार सहयोग नहीं कर रही।”
भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि झारखंड के मंत्री कई बार केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल से मिलने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन उन्हें अब तक समय नहीं मिला। उन्होंने कहा, “अब याचना नहीं, अब झारखंड को उसका हक दिलाने के लिए एक-एक पाई के लिए आंदोलन होगा।”
उन्होंने केंद्र सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार को अतिरिक्त धनराशि दी जाती है, जबकि झारखंड और बंगाल जैसे राज्य उपेक्षित रह जाते हैं। “झारखंड ने भारत सरकार का क्या बिगाड़ा है? हमें क्यों नजरअंदाज किया जा रहा है?” भट्टाचार्य ने सवाल उठाया।
गर्मी के मौसम में जल संकट को लेकर भी उन्होंने गहरी चिंता व्यक्त की। “केंद्र सरकार इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है, जबकि राज्य की जनता को पानी जैसी मूलभूत सुविधा के लिए जूझना पड़ रहा है,” उन्होंने कहा।
भट्टाचार्य का यह बयान भाजपा द्वारा राज्यभर में निकाली जा रही तिरंगा यात्रा के जवाब में आया है, जिसे सेना के मनोबल को बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। लेकिन जेएमएम इसे केंद्र की एक “राजनीतिक चाल” मान रही है, जो असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश है।
झारखंड की ओर से अब केंद्र को सीधा संदेश दे दिया गया है—“अब चुप नहीं बैठेंगे, हक लेकर रहेंगे।”