रांची: रांची नगर निगम क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित हो रहे खटालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया गया है। नगर निगम द्वारा शहरभर में जांच अभियान शुरू किया गया है, जिसमें खटाल संचालन से जुड़े वैधानिक दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जा रही है। अब शहरी क्षेत्र में खटाल चलाने के लिए ट्रेड लाइसेंस, परिसर का होल्डिंग नंबर, और ड्रेनेज सिस्टम का होना अनिवार्य कर दिया गया है।
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नगर निगम की टीमों द्वारा खटालों का निरीक्षण किया जा रहा है और जिनके पास जरूरी दस्तावेज नहीं हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, खटालों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों के उचित निस्तारण की व्यवस्था न होने पर झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 के तहत भी सख्त कार्रवाई की जायेगी।
खटाल संचालकों को दिए गए दिशा-निर्देश
नगर निगम द्वारा खटाल संचालकों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वे जल्द से जल्द वैध लाइसेंस प्राप्त करें। साथ ही उन्हें यह भी कहा गया है कि खटाल में रखे गए पशुओं की स्वच्छता का ध्यान रखें और आसपास के इलाके में गंदगी न फैलने दें। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा और आवश्यकतानुसार कानूनी कार्रवाई भी की जायेगी।
जुर्माने का प्रावधान
झारखंड म्युनिसिपल एक्ट 2011 की धारा 319(3) के तहत नियमों की अनदेखी करने वाले खटाल संचालकों पर 2000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। यदि उल्लंघन जारी रहता है तो प्रत्येक दिन के हिसाब से 50 रुपये अतिरिक्त जुर्माना भी देना पड़ सकता है।
इसके अलावा, झारखंड राज्य ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सेवा शुल्क नियमावली-2016 के तहत यदि खटाल संचालक सार्वजनिक स्थलों पर गोबर या अन्य अपशिष्ट पदार्थ फेंकते पाए जाते हैं, तो उन पर 1000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
जरूरी दस्तावेजों की सूची
शहर में खटाल चलाने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज अनिवार्य हैं:
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ट्रेड लाइसेंस
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परिसर का होल्डिंग नंबर
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उचित ड्रेनेज सिस्टम की व्यवस्था
नगर निगम ने चेतावनी दी है कि नियमों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ बिना किसी चेतावनी के कार्रवाई की जाएगी। यह अभियान शहर को स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।