अब कचरे से बने गैस से चलेंगी गाड़ियां, गेल और आरएमसी के बीच हुआ एमओयू..

रांची को स्वच्छ और खूबसूरत बनाने की एक नई पहल कर रही है सरकार। गुरुवार को सीएम हेमंत सोरेन की उपस्थिति में गेल इंडिया लिमिटेड और रांची नगर निगम के बीच एमओयू हुआ। एमओयू में कंप्रेस बायोगैस प्लांट के निर्माण की बात हुई है। इसके तैयार होने के बाद रांची की सड़कों पर गैस से चलने वाली गाड़ियां दौड़ेगी।

एमओयू पर गेल इंडिया की ओर से कार्यकारी निदेशक केवी सिंह और रांची के नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने हस्ताक्षर किए। मौके पर विभागीय सचिव विनय कुमार चौबे, मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजय विजयवर्गीय और अन्य भी मौजूद थे।

एमओयू के मुताबिक गेल इंडिया लिमिटेड 150 टन के दो प्लांट लगाएगी। जिससे रांची में प्रतिदिन 300 टन ऑर्गेनिक कचरे की प्रोसेसिंग कर, करीब 10 टन कंप्रेस्ड बायोगैस हर दिन उत्पादित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। पहले चरण में एक प्लांट लगाया जाएगा, जिसके निर्माण में करीब 2 साल का समय लगेगा। इसके लिए रांची नगर निगम झिरी में 8 एकड़ जमीन गेल इंडिया लिमिटेड को उपलब्ध करा रहा है। दूसरे फेज में जरूरत के मुताबिक नगर निगम अतिरिक्त जमीन का भी व्यवस्था करेगा।

साथ ही गेल इंडिया लिमिटेड अपने आमदनी का 10% हिस्सा नगर निगम को देगा। जिससे कचरे के ट्रांसपोर्टेशन में मदद मिलेगी। वैज्ञानिक तरीके से होने वाले प्रसंस्करण के कारण कचरा से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण स्तर में कमी आएगी।

इस प्लांट में है कुछ खास बातें:-*
*एक प्लांट 1 दिन में 5 टन बायोगैस का उत्पादन करेगा।
*प्लांट की उम्र 15 साल होगी।
*प्लांट के लिए जरूरी 8 एकड़ जमीन रांची नगर निगम लीज रेंट पर गेल इंडिया लिमिटेड को देगी।
*प्लांट के निर्माण में करीब 28. 19 रुपया खर्च होगा जो गेल इंडिया वाहन करेगा।
*शहर के अंदर और शहर के बाहरी क्षेत्र में दो गैस फिलिंग प्लांट का निर्माण भी होगा।
*इस व्यवस्था के लागू होने के बाद रांची नगर निगम द्वारा कचरे के प्रसंस्करण पर किए जा रहे खर्च से सैलाना 81 करोड़ रूपया बचा सकेगा।
*दो आउटलेट के लिए 36000 वर्ग मीटर का एक प्लांट शहर में और दूसरा शहर से बाहर नगर निगम उपलब्ध कराएगा।

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